अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (ITD)
⬧ प्रतिवर्ष 29 जुलाई को धारीदार बिल्ली के संरक्षण को बढ़ावा देने एवं उसके प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए वैश्विक प्रणाली की वकालत करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (ITD) के रूप में मनाया जाता है।⬧ ITD की स्थापना वर्ष 2010 में रूस में आयोजित सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में जंगली बाघों की संख्या में गिरावट के बारे में जागरूकता बढ़ाने, उन्हें विलुप्त होने से बचाने और बाघ संरक्षण के कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी।
⬧ पैंथेरा टाइग्रिस साइबेरियाई समशीतोष्ण जंगलों से लेकर भारतीय उपमहाद्वीप और सुमात्रा पर उपोष्णकटिबंधीय एवं उष्णकटिबंधीय जंगलों तक पाया जाता है।
⬧ अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, वर्तमान में दुनिया भर के जंगलों में बाघों की संख्या 3,726 से बढ़कर 5,578 हो गई है।
⬧ भारत, नेपाल, भूटान, रूस और चीन में बाघों की आबादी स्थिर या बढ़ रही है। भारत वैश्विक बाघों की आबादी का 70% से अधिक का आवास है।
⬧ भारत ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा के लक्षित वर्ष 2022 से 4 साल पहले वर्ष 2018 में ही बाघों की आबादी को दुगुना करने का लक्ष्य हासिल किया।
⬧ बाघ एक अनूठा जानवर है जो किसी स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र और उसकी विविधता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
⬧ यह खाद्य शृंखला में उच्च उपभोक्ता है जो खाद्य शृंखला में शीर्ष पर है और जंगली (मुख्य रूप से बड़े स्तनपायी) आबादी को नियंत्रण में रखता है।
⬧ इस प्रकार बाघ शिकार द्वारा शाकाहारी जंतुओं और उस वनस्पति के मध्य संतुलन बनाए रखने में मदद करता है जिस पर वे भोजन के लिए निर्भर होते हैं।
⬧ प्रोजेक्ट टाइगर 1973: यह वर्ष 1973 में शुरू की गई पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) की एक केंद्र प्रायोजित योजना है। यह देश के राष्ट्रीय उद्यानों में बाघों को आश्रय प्रदान करता है।
⬧ राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण: यह MoEFCC के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय है और इसको वर्ष 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की सिफारिशों के बाद स्थापित किया गया था।
