Wednesday, May 31, 2023

 अहिल्याबाई होल्कर

▪️अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई, 1725 में हुआ था।
▪️इनका विवाह इन्दौर राज्य के संस्थापक महाराज मल्हारराव होल्कर के पुत्र खंडेराव से हुआ था।
▪️मल्हारराव के जीवन काल में ही उनके पुत्र खंडेराव का निधन 1754 ई. में हो गया था। अतः मल्हार राव के निधन के बाद रानी अहिल्याबाई ने राज्य का शासन-भार सम्भाला था।
▪️रानी अहिल्याबाई ने 1795 ई. में अपनी मृत्यु पर्यन्त बड़ी कुशलता से राज्य का शासन चलाया।
▪️रानी अहिल्याबाई ने भारत के भिन्न-भिन्न भागों में अनेक मन्दिरों, धर्मशालाओं और अन्नसत्रों का निर्माण करवाया।
▪️रानी अहिल्याबाई ने इसके अलावा काशी, गया, सोमनाथ, अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, द्वारिका, बद्रीनारायण, रामेश्वर, जगन्नाथ पुरी इत्यादि प्रसिद्ध तीर्थस्थानों पर मंदिर बनवाए और धर्म शालाएं खुलवायीं।
▪️उन्‍होंने 1777 ई. में विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराया।
▪️उनका सारा जीवन वैराग्य, कर्त्तव्य-पालन और परमार्थ की साधना का बन गया। भगवान शिव की वह बड़ी भक्त थी।
▪️13 अगस्त, 1795 को उनका निधन हो गया।

 विश्व तंबाकू निषेध दिवस

▪️प्रतिवर्ष 31 मई को सम्पूर्ण विश्व में तंबाकू सेवन के घातक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस' का आयोजन किया जाता है।
▪️इस दिवस की घोषणा विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य राष्ट्रों द्वारा वर्ष 1987 में की गई तथा वर्ष 1988 में संकल्प WHA 42.19 पारित कर प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का आह्वान किया गया था।
▪️विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 की थीम "खाना उगाओ, तंबाकू नहीं"( grow food, not tobacco) है।
▪️WHO प्रत्येक वर्ष तंबाकू के उपयोग को रोकने के लिये सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों द्वारा किये गए प्रयासों और योगदान के लिये उन्हें सम्मानित करता है।
▪️तंबाकू की लत को दुनिया भर में रोके जा सकने वाली मौतों और विकलांगता का सबसे बड़ा कारण माना गया है।
▪️भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 35 मिलियन मौतें तंबाकू के सेवन की वजह से होती हैं और यह तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं उत्पादक देश भी है।
▪️धूम्रपान कैंसर, दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ (COPD) और पेरिफेरल वैस्कुलरडिज़ीज़ (PVD) से मौत का कारण बनता है।
▪️विश्व में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। महिलाओं को अतिरिक्त खतरों का सामना करना पड़ता है जैसे- प्रतिकूल गर्भावस्था के परिणाम, महिला विशिष्ट कैंसर जैसे- स्तन, गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर और हृदय संबंधी जोखिम में वृद्धि आदि।
▪️तंबाकू से एक वर्ष में 84 मेगा टन से अधिक ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है।

Tuesday, May 30, 2023

 हिंदी पत्रकारिता दिवस

● प्रतिवर्ष 30 मई को सम्पूर्ण राष्ट्र में हिंदी पत्रकारिता दिवस का आयोजन किया जाता है।

● यह दिवस भारतीय पत्रकारों खासतौर पर हिंदी भाषी पत्रकारों के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है, साथ ही यह दिवस समाज के विकास में पत्रकारों के योगदान और पारदर्शिता तथा उत्तरदायित्व निर्धारण में उनकी भूमिका को रेखांकित करता है।

● 1826 ई. में पंडित युगल किशोर शुक्ल ने हिंदी के प्रथम समाचार पत्र ‘उदंत मार्तण्ड' के प्रकाशन का शुभारंभ किया था। 

● ‘उदंत मार्तण्ड’ का शाब्दिक अर्थ है ‘समाचार-सूर्य‘। 

● ‘उदंत मार्तण्ड' का प्रकाशन प्रत्येक सप्ताह मंगलवार को किया जाता था। 

● पुस्तकाकार में छपने वाले ‘उदंत मार्तण्ड' के केवल 79 अंक ही प्रकाशित हो सके और दिसंबर, 1827 में वित्तीय संसाधनों के अभाव में इसका प्रकाशन बंद हो गया। 

● इस समाचार पत्र में ब्रज और खड़ी बोली दोनों भाषाओं के मिश्रित रूप का प्रयोग किया जाता था जिसे इस पत्र के संचालक ‘मध्यदेशीय भाषा’ कहते थे।

● कानपुर के रहने वाले पंडित युगल किशोर शुक्ल पेशे से एक वकील थे और औपनिवेशिक ब्रिटिश भारत में कलकत्ता में वकील के तौर पर कार्य कर रहे थे। 

● इतिहासकार पंडित युगल किशोर शुक्ल को भारतीय पत्रकारिता का जनक मानते हैं।

● बंगाल से हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत का श्रेय राजा राममोहन राय को दिया जाता है। 

● हिंदी पत्रकारिता ने इतिहास में उन्होंने एक लंबा सफर तय किया है।

Monday, May 29, 2023

 माउंट एवरेस्ट दिवस

⬧ प्रतिवर्ष 29 मई को ‘माउंट एवरेस्ट दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
⬧ 29 मई, 1953 को न्यूज़ीलैंड के पर्वतारोही एडमंड हिलेरी (Edmund Hillary) और उनके तिब्बती गाइड तेनज़िंग नोर्गे (Tenzing Norgay) द्वारा पहली बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की गई थी।
⬧ इस पर्वत को तिब्बत में ‘चोमोलुंग्मा’, नेपाल में ‘सागरमाथा’ तथा चीन में ‘माउंट कोमोलंगमा’ के नाम से जाना जाता है।
⬧ माउंट एवरेस्ट दिवस नेपाल के पर्वतीय पर्यटन को बढ़ावा देने का भी एक महत्त्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।
⬧ नेपाल और तिब्बत (चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र) के बीच स्थित तकरीबन 8,848 मीटर (29,035 फीट) ऊँचा माउंट एवरेस्ट हिमालय पर्वत शृंखला की एक चोटी है, जिसे पृथ्वी का सबसे ऊँचा बिंदु माना जाता है।
⬧ इसकी ऊँचाई 8,848 मीटर है, जो कि भारत के 'पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर' (PoK) में स्थित विश्व के दूसरे सबसे ऊँचे पर्वत के-2 (K-2) से 200 मीटर अधिक है।
⬧ वर्ष 2020 में नेपाल और चीन ने माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊँचाई 8,848.86 मीटर घोषित की है। नई ऊँचाई पिछली माप से 86 सेमी. अधिक है।
⬧ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित K-2 पर्वत की आधिकारिक ऊँचाई 8,611 मीटर है। इस पर्वत का नाम भारत के पूर्व महासर्वेक्षक ‘जॉर्ज एवरेस्ट’ के नाम पर रखा गया था।

 चौधरी चरण सिंह

⬧ श्री चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर, 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1923 में विज्ञान से स्नातक की एवं वर्ष 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। कानून में प्रशिक्षित श्री सिंह ने गाजियाबाद से अपने पेशे की शुरुआत की। वे वर्ष 1929 में मेरठ आ गए और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए।
⬧ वे सबसे पहले वर्ष 1937 में छपरौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए एवं 1946, 1952, 1962 एवं 1967 में विधानसभा में अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
⬧ वे वर्ष 1946 में पंडित गोविंद वल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने और राजस्व, चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य, न्याय, सूचना इत्यादि विभिन्न विभागों में कार्य किया। जून, 1951 में उन्हें राज्य के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया एवं न्याय तथा सूचना विभागों का प्रभार दिया गया।
⬧ बाद में वर्ष 1952 में वे डॉ. सम्पूर्णानन्द के मंत्रिमंडल में राजस्व एवं कृषि मंत्री बने। अप्रैल, 1959 में जब उन्होंने पद से इस्तीफा दिया, उस समय उन्होंने राजस्व एवं परिवहन विभाग का प्रभार संभाला हुआ था।
⬧ श्री सी.बी. गुप्ता के मंत्रालय में वे गृह एवं कृषि मंत्री (1960) थे। श्रीमती सुचेता कृपलानी के मंत्रालय में वे कृषि एवं वन मंत्री (1962-63) रहे। उन्होंने वर्ष 1965 में कृषि विभाग छोड़ दिया एवं वर्ष 1966 में स्थानीय स्वशासन विभाग का प्रभार संभाल लिया।
⬧ कांग्रेस विभाजन के बाद फरवरी, 1970 में दूसरी बार वे कांग्रेस पार्टी के समर्थन से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। हालाँकि राज्य में 2 अक्टूबर, 1970 को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।
⬧ श्री चरण सिंह ने विभिन्न पदों पर रहते हुए उत्तर प्रदेश की सेवा की एवं उनकी ख्याति एक ऐसे कड़क नेता के रूप में हो गई थी जो प्रशासन में अक्षमता, भाई – भतीजावाद एवं भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते थे। प्रतिभाशाली सांसद एवं व्यवहारवादी श्री चरण सिंह अपनी वाक्पटुता एवं दृढ़ विश्वास के लिए जाने जाते हैं।
⬧ उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार का पूरा श्रेय उन्हें जाता है। ग्रामीण देनदारों को राहत प्रदान करने वाला विभागीय ऋणमुक्ति विधेयक, 1939 को तैयार करने एवं इसे अंतिम रूप देने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी।
⬧ उनके द्वारा की गई पहल का ही परिणाम था कि उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के वेतन एवं उन्हें मिलने वाले अन्य लाभों को काफी कम कर दिया गया था। मुख्यमंत्री के रूप में जोत अधिनियम, 1960 को लाने में भी उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। यह अधिनियम जमीन रखने की अधिकतम सीमा को कम करने के उद्देश्य से लाया गया था ताकि राज्य भर में इसे एक समान बनाया जा सके।
⬧ चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक जनता पार्टी की सरकार में भारत के प्रधानमंत्री रहे।
⬧ देश में कुछ-ही राजनेता ऐसे हुए हैं जिन्होंने लोगों के बीच रहकर सरलता से कार्य करते हुए इतनी लोकप्रियता हासिल की हो। एक समर्पित लोक कार्यकर्ता एवं सामाजिक न्याय में दृढ़ विश्वास रखने वाले श्री चरण सिंह को लाखों किसानों के बीच रहकर प्राप्त आत्मविश्वास से काफी बल मिला।
⬧ श्री चौधरी चरण सिंह ने अत्यंत साधारण जीवन व्यतीत किया और अपने खाली समय में वे पढ़ने और लिखने का काम करते थे।
⬧ उन्होंने कई किताबें लिखी जिसमें ‘ज़मींदारी उन्मूलन’, ‘भारत की गरीबी और उसका समाधान’, ‘किसानों की भूसंपत्ति या किसानों के लिए भूमि, ‘प्रिवेंशन ऑफ़ डिविज़न ऑफ़ होल्डिंग्स बिलो ए सर्टेन मिनिमम’, ‘ज्वॉइन्ट फार्मिंग एक्स-रेय्‌ड’ आदि प्रमुख हैं।
⬧ 29 मई, 1987 को उनका देहांत हो गया।

Sunday, May 28, 2023

 एमनेस्टी इंटरनेशनल दिवस

•प्रतिवर्ष 28 मई को ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल दिवस’ का आयोजन किया जाता है। 
•‘एमनेस्टी इंटरनेशनल' (Amnesty International) लंदन स्थित एक गैर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 28 मई, 1961 को ‘पीटर बेन्सन’ नामक एक ब्रिटिश वकील द्वारा की गई थी।
•इस संगठन का प्राथमिक लक्ष्य मानवाधिकारों की रक्षा और उनकी वकालत करना है। 
•पीटर बेन्सन ने एक जनांदोलन के रूप में इस संगठन की स्थापना मुख्य तौर पर दुनिया भर में उन कैदियों को रिहा करवाने के उद्देश्य से की थी, जिन्हें अपनी राजनीतिक, धार्मिक या अन्य धर्मनिरपेक्ष मान्यताओं की शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए जेल में कैद किया गया हो, भले ही उन्होंने न कभी हिंसा का इस्तेमाल किया और न ही इसकी वकालत की। 
•विश्व भर में इस संस्था के तीस लाख से अधिक सदस्य और समर्थक हैं। 
•संगठन का उद्देश्य मानवाधिकारों के विरुद्ध हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाना और प्रताड़ित लोगों को न्याय दिलाना है। यह संगठन ऐसी दुनिया के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जहाँ प्रत्येक व्यक्ति मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संबंधी दस्तावेज़ों में निर्धारित अधिकारों का उपयोग करने में सक्षम हो। 
•साथ ही यह संगठन मानवाधिकारों के मुद्दे पर शोधकार्य भी करता है। 
•संगठन को वर्ष 1977 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार और वर्ष 1978 में मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र का पुरस्कार भी प्रदान किया गया है।

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 वीर सावरकर

⬧ वीर सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के भागुर ग्राम में हुआ था।
⬧ सावरकर यूनाइटेड किंगडम गए और ‘इंडिया हाउस’ (India House) तथा ‘फ्री इंडिया सोसायटी’ (Free India Society) जैसे संगठनों से जुड़े।
⬧ सावरकर ने 'द हिस्ट्री ऑफ द वॉर ऑफ इंडियन इंडिपेंडेंस' नामक एक पुस्तक लिखी जिसमें उन्होंने 1857 के सिपाही विद्रोह में इस्तेमाल किए गए छापामार युद्ध के तरीकों के बारे में लिखा था।
⬧ उन्होंने 'हिंदुत्व: हिंदू कौन है?' नामक पुस्तक भी लिखी।
⬧ वर्ष 1904 में विनायक दामोदर सावरकर और उनके भाई गणेश दामोदर सावरकर द्वारा ‘अभिनव भारत सोसायटी’ (यंग इंडिया सोसायटी) नामक एक भूमिगत सोसायटी की स्थापना की गई।
⬧ वीर सावरकर को वर्ष 1909 के मार्ले-मिंटो सुधार (भारत परिषद् अधिनियम, 1909) के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
वर्ष 1910 में क्रांतिकारी समूह इंडिया हाउस के साथ संबंधों के लिए गिरफ्तार किया गया।
⬧ सावरकर को नासिक के कलेक्टर जैक्सन की हत्या के लिए उकसाने तथा भारतीय दंड संहिता 121-ए के तहत राजा (सम्राट) के खिलाफ साजिश के आरोप में दोषी ठहराया गया और 50 वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई, जिसे काला पानी भी कहा जाता है, उन्हें वर्ष 1911 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित सेलुलर जेल ले जाया गया।
⬧ प्रारंभ में नासिक में मित्र मेला के रूप में स्थापित समाज कई क्रांतिकारियों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ भारत तथा लंदन के विभिन्न हिस्सों में शाखाओं से जुड़ा था।
⬧ सावरकर ने इटैलियन राष्ट्रवादी ग्यूसेप मैज़िनी के विचारों के आधार पर ‘फ्री इंडिया सोसायटी’ की स्थापना की।
⬧ अखिल भारत हिंदू महासभा की स्थापना (वर्ष 1907) करने वाले और अखिल भारतीय सत्रों की अध्यक्षता करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में पंडित मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, वीर विनायक दामोदर सावरकर आदि शामिल थे।
⬧ वे वर्ष 1937 से वर्ष 1943 तक हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे।
⬧ 26 फरवरी, 1966 को सावरकर का निधन हो गया। 

Saturday, May 27, 2023

 पंडित जवाहर लाल नेहरू

● पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ था।
● उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर पर निजी शिक्षकों से प्राप्त की।
● पंद्रह वर्ष की उम्र में वे इंग्लैंड चले गए और हैरो में दो साल रहने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया जहाँ से उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
● वर्ष 1912 में भारत लौटने के बाद वे सीधे राजनीति से जुड़ गए।
● वर्ष 1912 में उन्होंने एक प्रतिनिधि के रूप में बाँकीपुर सम्मेलन में भाग लिया एवं 1919 में इलाहाबाद के होम रूल लीग के सचिव बने।
● वर्ष 1916 में वे महात्मा गाँधी से पहली बार मिले जिनसे वे काफी प्रेरित हुए। उन्होंने 1920 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पहले किसान मार्च का आयोजन किया।
● वर्ष 1920-22 के असहयोग आंदोलन के सिलसिले में उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा।
● पंडित नेहरू सितंबर, 1923 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने।
● वर्ष 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के खिलाफ एक जुलूस का नेतृत्व करते हुए उन पर लाठी चार्ज किया गया था।
● 29 अगस्त, 1928 को उन्होंने सर्वदलीय सम्मेलन में भाग लिया एवं वे उन लोगों में से एक थे जिन्होंने भारतीय संवैधानिक सुधार की नेहरू रिपोर्ट पर अपने हस्ताक्षर किए थे। इस रिपोर्ट का नाम उनके पिता श्री मोतीलाल नेहरू के नाम पर रखा गया था। उसी वर्ष उन्होंने ‘भारतीय स्वतंत्रता लीग’ की स्थापना की एवं इसके महासचिव बने। इस लीग का मूल उद्देश्य भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से पूर्णतः अलग करना था।
● वर्ष 1929 में पंडित नेहरू भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के लाहौर सत्र के अध्यक्ष चुने गए जिसका मुख्य लक्ष्य देश के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना था।
● उन्हें 1930-35 के दौरान नमक सत्याग्रह एवं कांग्रेस के अन्य आंदोलनों के कारण कई बार जेल जाना पड़ा।
● उन्होंने 14 फ़रवरी, 1935 को अल्मोड़ा जेल में अपनी ‘आत्मकथा’ का लेखन कार्य पूर्ण किया।
● पंडित नेहरू ने भारत को युद्ध में भाग लेने के लिए मजबूर करने का विरोध करते हुए व्यक्तिगत सत्याग्रह किया, जिसके कारण 31 अक्टूबर, 1940 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
● 8 अगस्त, 1942 को उन्हें अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर अहमदनगर किला ले जाया गया। यह अंतिम मौका था जब उन्हें जेल जाना पड़ा एवं इसी बार उन्हें सबसे लंबे समय तक जेल में समय बिताना पड़ा।
● जनवरी, 1945 में अपनी रिहाई के बाद उन्होंने राजद्रोह का आरोप झेल रहे आईएनए के अधिकारियों एवं व्यक्तियों का कानूनी बचाव किया।
● मार्च, 1946 में पंडित नेहरू ने दक्षिण-पूर्व एशिया का दौरा किया। 6 जुलाई 1946 को वे चौथी बार कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए एवं फिर 1951 से 1954 तक तीन और बार वे इस पद के लिए चुने गए।
● पंडित जवाहर लाल नेहरू 15 अगस्‍त, 1947 से  27 मई, 1964 तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहे।
●  27 मई, 1964 को उनका देहावसान हो गया।

Thursday, May 25, 2023

 रास बिहारी बोस

● रास बिहारी बोस का जन्म 25 मई, 1886 को बंगाल प्रांत के सुबलदाहा गाँव में हुआ था।
● बोस ने गदर आंदोलन का नेतृत्‍व करने से लेकर भारतीय राष्ट्रीय सेना की स्थापना तक स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
● रास बिहारी बोस 1789ई. की फ्रांसीसी क्रांति से अत्यधिक प्रभावित थे।
● वर्ष 1905 में बंगाल विभाजन और उसके बाद की घटनाओं ने रास बिहारी बोस को क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
● उन्होंने प्रख्यात क्रांतिकारी नेता जतिन बनर्जी के मार्गदर्शन में अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन किया।
● गदर आंदोलन में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका तो निभाई किंतु यह अल्पकालिक थी, क्योंकि जल्द ही ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ विद्रोह की उनकी योजना का खुलासा हो गया था, जिसने अंततः उन्हें जापान जाने के लिए मजबूर कर दिया, जहाँ उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों का नया अध्याय उनकी प्रतीक्षा कर रहा था।
● उन्होंने एक जापानी महिला से शादी की और 1923 में जापान के नागरिक बन गए।
● द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, बोस ने जापानी अधिकारियों को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन करने के लिए राजी किया। उन्होंने विदेशों में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
● उन्होंने ‘इंडियन इंडिपेंडेंस लीग’ की स्थापना की।
● वर्ष 1942 में जापान के टोक्यो में रास बिहारी बोस ने 'आज़ाद हिंद फौज' की स्थापना की। 'आज़ाद हिंद फौज' की स्थापना का उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ना था।
● जापान ने 'आज़ाद हिंद फौज' के गठन में सहयोग दिया तथा कालांतर में 'आज़ाद हिंद फौज' की कमान सुभाषचंद्र बोस के हाथों में सौंप दी गई।
● स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए जापान की सरकार ने उन्हें 'सेकंड ऑर्डर ऑफ मेरिट ऑफ द राइज़िंग सन' से सम्मानित किया था।
● बोस की 21 जनवरी, 1945 को 59 वर्ष की आयु में तपेदिक से मृत्यु हो गई।

Saturday, May 20, 2023

 बौद्ध धर्म महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


❖ बौद्ध धर्म के संस्थापक - गौतम बुद्ध
❖ चतुर्थ बौद्ध संगीति के उपाध्यक्ष - अश्वघोष
❖ महात्मा बुद्ध की जन्म स्थली लुम्बिनी वन किस महाजनपद के अंतर्गत आती थी - कोशल महाजनपद
❖ महात्मा बुद्ध की शौतेली माता का नाम - प्रजापति गौतमी
❖ बुद्ध के प्रथम दो अनुयायी - काल्लिक तथा तपासु
❖ बुद्ध ने कितने वर्ष की अवस्था में गृह त्याग किया - 29 वर्ष की आयु में
❖ महात्मा बुद्ध द्वारा दिया गया अंतिम उपदेश - सभी वस्तुएँ क्षरणशील होती हैं अतः मनुष्य को अपना पथ-प्रदर्शक स्वयं होना चाहिए।
❖ किसे Light of Asia के नाम से जाना जाता है - महात्मा बुद्ध
❖ चतुर्थ बौद्ध संगीति किसके शासनकाल में हुई - कनिष्क (कुषाण वंश) के शासनकाल में
❖ बौद्ध धर्म के त्रिरत्न - बुद्ध, धम्म, संघ
❖ महात्मा बुद्ध की माता का नाम - मायादेवी
❖ बुद्धकाल में वाराणसी क्यों प्रसिद्ध था - हाथी दाँत के लिए
❖ तृतीय बौद्ध संगीति कहाँ, कब तथा किसकी अध्यक्षता में हुई - पाटलिपुत्र में, 251
ई.पू.में, मोग्गलिपुत्त तिस्स की अध्यक्षता में
❖ गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ - 563 ई.पू.
❖ जिस स्थान पर बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई वह स्थान - बोधगया
❖ चतुर्थ बौद्ध संगीति के आयोजन का उद्देश्य - बौद्ध धर्म का दो समप्रदायों में विभक्त होना – हीनयान तथा महायान।
❖ बुद्धकाल में पत्थर का काम करने वाले कहलाते थे - कोहक
❖ गौतम बुद्ध के पिता का नाम - शुद्धोधन
❖ गौतम बुद्ध के बेटे का नाम - राहुल
❖ बौद्ध साहित्य में प्रयुक्त संथागार शब्द का तात्पर्य - राज्य संचालन के लिये गठित परिषद
❖ गौतम बुद्ध का जन्म स्थान - कपिलवस्तु का लुम्बिनी नामक स्थान में
❖ बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश कहाँ दिया - सारनाथ
❖ महात्मा बुद्ध के गृह त्याग की घटना क्या कहलाती है - महाभिनिष्क्रमण
❖ तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन किसके शासनकाल में हुआ - सम्राट अशोक (मौर्य वंश) के शासनकाल में
❖ महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम - सिद्धार्थ

 महत्वपूर्ण हस्तियों के वास्तविक नाम 

➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
❖ वाल्मीकि ➠ रत्नाकर
❖ चैतन्य महाप्रभु ➠ विश्वम्भर
❖ गुरु अंगद देव ➠ भाई लहना
❖ रामकृष्ण परमहंस ➠ गदाधर चट्टोपाध्याय
❖ स्वामी विवेकानंद ➠ नरेंद्र नाथ दत्ता
❖ नाना फड़नविस ➠ बालाजी जनार्दन भानु
❖ तात्या टोपे ➠ रामचंद्र पांडुरंग टोपे
❖ रानी लक्ष्मी बाई ➠ मणिकर्णिका (मनु)
❖ तानसेन ➠ रामतनु पांडे
❖ बीरबल ➠ महेश दास
❖ मदर टेरेसा ➠ एग्नेस गोंकशे बोजशियु
❖ मीरबेन ➠ मेडेलीन स्लेड
❖ सिस्टर निवेदिता➠ मार्गरेट एलिजाबेथ नोबल
❖ मुंशी प्रेमचंद ➠ धनपत राय
❖ स्वामी अग्निवेश ➠ श्याम वेपा राव
❖ सत्य साईं बाबा ➠ सत्यनारायण राजू
❖ बाबा आम्टे ➠ मुरलीधर देवीदास आम्टे
❖ मिर्जा गालिब ➠ मिर्जा असादुल्लाह बेग खान
❖ विनोबा भावे ➠ विनायक नरहरि भावे
❖ अमीर खुसरो ➠अबुल हसन यामिन-उद-दीन
❖ फिराक़ गोरखपुरी ➠ रघुपति सहाय
❖ गुलजार ➠ संपूर्ण सिंह कालरा
❖ रवि शंकर ➠ रोबिंद्रो शंकर चौधरी
❖ बिर्जु महाराज ➠ बृजमोहन मिश्र
❖ बाबा रामदेव ➠ रामकृष्ण यादव

Friday, May 19, 2023

 नीलम संजीव रेड्डी

❖ नीलम संजीव रेड्डी का जन्म 19 मई, 1913 को आंध्र प्रदेश के अनंतपुर ज़िले के इल्लुर ग्राम में हुआ।
❖ नीलम संजीव रेड्डी की प्राथमिक शिक्षा 'थियोसोफिकल हाई स्कूल' अडयार, मद्रास में हुई तथा आगे की शिक्षा आर्ट्स कॉलेज, अनंतपुर में हुई।
❖ महात्मा गाँधी के आह्वान पर जब लाखों युवा पढ़ाई और नौकरी का त्याग कर स्वाधीनता संग्राम में जुड़ रहे थे, तभी नीलम संजीव रेड्डी मात्र 18 वर्ष की उम्र में ही इस आंदोलन में कूद पड़े थे।
❖ संजीव रेड्डी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी भाग लिया था।
❖ रेड्डी वर्ष 1936 में आंध्र प्रदेश कांग्रेस समिति के सामान्य सचिव निर्वाचित हुए और इस पद पर 10 वर्ष से अधिक समय गुजारा।
❖ नीलम संजीव रेड्डी संयुक्त मद्रास राज्य में कुमारास्वामी राजा के मंत्रिमंडल में आवासीय वन एवं मद्य निषेध मंत्रालय के कार्यों का भी सम्पादन करते थे।
❖ वर्ष 1951 में इन्होंने आंध्र प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद के चुनाव में भाग लेने हेतु मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया तथा प्रोफेसर एन.जी. रंगा को हराकर अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
❖ वर्ष 1956 में जब राज्यों के पुनर्गठन का कार्य किया गया तो नीलम संजीव रेड्डी आंध्र प्रदेश के 'प्रथम मुख्यमंत्री' बने।
❖ 9 जून, 1964 को रेड्डी राष्ट्रीय राजनीति में आए और प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने इन्हें केन्द्र में स्टील एवं खान मंत्रालय प्रदान किया।
❖ वर्ष 1964 में रेड्डी राज्यसभा के लिए मनोतीत हुए और वर्ष 1967 तक इसके सदस्य बने रहे।
❖ जनवरी, 1966 से मार्च, 1967 तक वह प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के मंत्रिमंडल में रहे। इन्होंने यातायात, जहाजरानी, नागरिक उड्डयन एवं टूरिज्म का कार्य कैबिनेट मंत्री के रूप में देखा।
❖ वर्ष 1971 में जब लोकसभा के चुनाव आहूत हुए तो नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन इन्हें हार का सामना करना पड़ा।
❖ जनवरी, 1977 में यह जनता पार्टी की कार्य समिति के सदस्य बनाए गए और छठवीं लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी की ओर से आंध्र प्रदेश की नंड्याल सीट से उन्होंने अपना नामांकन पत्र भरा। जब चुनाव के नतीजे आए तो वह आंध्र प्रदेश से अकेले गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार थे, जो विजयी हुए थे।
❖ नीलम संजीव रेड्डी को वर्ष 1958 में वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, त्रिमूर्ति द्वारा सम्मानार्थ डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई।
❖ रेड्डी 25 जुलाई, 1977 को भारत के निर्विरोध राष्ट्रपति निर्वाचित हुए तथा तथा 25 जुलाई, 1982 को अपना कार्यकाल पूरा करने के पश्चात् नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के दायित्व से मुक्त हो गए।
❖ 1 जून, 1996 को इनका निधन हो गया।

 अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस

● प्रतिवर्ष 18 मई को संग्रहालयों के संदर्भ में लोगों में जागरूकता बढ़ाने हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ मनाया जाता है। 
● संग्रहालय सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों के संवर्धन और लोगों के बीच आपसी समझ, सहयोग और शांति के विकास का एक महत्त्वपूर्ण साधन है।
● इस दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 1977 में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद (International Council of Museums- ICOM) द्वारा की गई थी।
● वर्ष 2023 के लिए इस दिवस की थीम ‘संग्रहालय, स्थिरता और भलाई’ (Museums, Sustainability and Wellbeing) है।
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद् (International Council of Museums- ICOM)
● ICOM वैश्विक दायरे वाले संग्रहालयों और संग्रहालय पेशेवरों का मुख्य और एकमात्र संगठन है, जो प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत, वर्तमान और भविष्य, मूर्त और अमूर्त के प्रचार और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
● इसकी स्थापना वर्ष 1946 में हुई तथा इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है।
● यह संग्रहालय पेशेवरों (137 देशों में 35,000 सदस्य) के एक नेटवर्क के रूप में कार्य करता है जो संग्रहालय और विरासत से संबंधित विषयों की एक विस्तृत शृंखला में कार्य करता है।
● ICOM की रेड लिस्ट (खतरे में रहने वाले सांस्कृतिक वस्तुओं से संबंधित), सांस्कृतिक वस्तुओं के अवैध यातायात को रोकने के लिए व्यावहारिक उपकरण है।
● रेड लिस्ट सांस्कृतिक वस्तुओं की उन श्रेणियों को प्रस्तुत करती है जिनके चोरी होने या किसी अन्य खतरे का डर रहता है।
भारत में संग्रहालयों का प्रशासन
● कई मंत्रालयों के पास विभिन्न संग्रहालयों का प्रभार है।
● सभी संग्रहालय संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रशासित नहीं होते हैं।
● कुछ न्यासी बोर्ड के तहत मुट्ठी भर लोगों द्वारा सरकारी समर्थन के बिना चलाए जाते हैं।
● अनुच्छेद 49 में राष्ट्रीय महत्त्व के रूप में घोषित कलात्मक या ऐतिहासिक स्मारकों, स्थानों और वस्तुओं की रक्षा करने का प्रावधान है।

Wednesday, May 17, 2023

World Hypertension Day

 विश्व उच्च रक्तचाप दिवस

▪️प्रतिवर्ष 17 मई को सम्पूर्ण विश्व में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है।
▪️इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम लोगों में उच्च रक्तचाप के संदर्भ में जागरूकता पैदा करना और इसकी गंभीरता को देखते हुए लोगों को इसे नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
▪️वर्ष 2023 के लिए विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की थीम ‘अपने रक्तचाप को सही तरीके से मापें, इसे नियंत्रित करें, अधिक समय तक जीवित रहें’ (Measure your blood pressure accurately, control it, live longer) है।
▪️शरीर में ऑक्सीजन और ऊर्जा के प्रवाह के लिए रक्त शोधन करना हृदय का प्रमुख कार्य है और धमनियों के ज़रिये रक्त के प्रवाह के लिए दबाव की एक निश्चित मात्रा की आवश्यकता होती है।
▪️यदि रक्त प्रवाह का दबाव सामान्य से अधिक होता है, तो यह धमनियों की दीवार पर अतिरिक्त तनाव डालता है। इसे हाई ब्लडप्रेशर या हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) कहते हैं।
▪️उच्च रक्तचाप दुनिया भर में असामयिक मृत्यु का एक प्रमुख कारण है।
▪️उच्च रक्तचाप की गंभीरता को देखते हुए इसे ‘साइलेंट किलर’ (Silent Killer) भी कहा जाता है।

 विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस

▪️प्रतिवर्ष 17 मई को सम्पूर्ण विश्व में ‘विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस’ (World Telecommunication & Information Society Day -WTISD) का आयोजन किया जाता है।
▪️इस दिवस का उद्देश्य इंटरनेट और अन्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों (ITC) के उपयोग से समाज तथा अर्थव्यवस्थाओं में लाए जाने वाले महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
▪️इस दिवस को ‘विश्व सूचना समाज दिवस’ और ‘विश्व दूरसंचार समाज दिवस’ के समामेलन के रूप में आयोजित किया जाता है।
▪️‘विश्व दूरसंचार समाज दिवस’ अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) की स्थापना तथा वर्ष 1865 में पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर को चिह्नित करता है, जबकि ‘विश्व सूचना समाज दिवस’ ‘वर्ल्ड समिट ऑन द इंफॉर्मेशन सोसायटी’ (WSIS) द्वारा रेखांकित ITC के महत्त्व और सूचना समाज से संबंधित व्यापक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।
  वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र ने दोनों दिवसों को संयुक्त तौर पर प्रतिवर्ष एक साथ आयोजित करने का निर्णय लिया था।
▪️वर्ष 2023 के लिए विश्व दूरसंचार एंव सूचना समाज दिवस की थीम 'सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सबसे कम विकसित देशों को सशक्त बनाना' (Empowering the least developed countries through information and communication technologies) है।
▪️अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union- ITU) एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो और दूरसंचार को नियमित और मानकीकृत करने हेतु 17 मई, 1865 को पेरिस में हुई थी।
▪️अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की शीर्ष संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है।
▪️इसका मुख्यालय जेनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।

Tuesday, May 16, 2023

 National Dengue Day

● Every year on May 16, National Dengue Day is organized by the Ministry of Health and Family Welfare all over India.
● The main purpose of organizing this day is to create awareness about dengue among common people.
● The main carrier of dengue virus is Aedes aegypti mosquito. Dengue thrives in urban poor areas, suburbs and rural areas but can also affect more affluent neighboring countries in tropical and subtropical countries.
● Dengue transmission is closely linked with three major factors – rainfall, humidity and temperature, which dictate the geographical areas in which dengue spreads and is transmitted.
● Dengue is spread by the bite of two mosquitoes, Aedes aegypti and Aedes albopictus.
● Currently, Aedes aegypti is more prevalent in the southern peninsula, eastern seaboard, north-eastern states and northern plains.
● Aedes albopictus is active along the eastern and western coastlines, north-eastern states and lower Himalayas.
● Dengue is a mosquito-borne tropical disease caused by dengue virus (genus flavivirus), transmitted by several species of mosquitoes of the genus Aedes, mainly Aedes aegypti.
● This mosquito is also a carrier of Chikungunya, Yellow Fever and Zika Infection.
● Dengue infection is diagnosed by a blood test and there is no specific medicine to treat the infection.
● The National Vector-Borne Disease Control Program is the central nodal agency for the prevention and control of six vector-borne diseases in India, including malaria, dengue, lymphatic filariasis, kala-azar, Japanese encephalitis and chikungunya. It functions under the Ministry of Health and Family Welfare.
● To prevent this, every person should keep the place around him clean and should not allow accumulation of water anywhere. Coolers should be cleaned at least once a week. People have also been advised to use mosquito nets and mosquito repellents.

 सिक्किम स्थापना दिवस

● सिक्किम के स्थापना दिवस (16 मई ) 16 मई, 1975 को भारत के 22 वें  राज्य के रूप में हुई।
● सिक्किम देश के उत्तर-पूर्वी भाग में, पूर्वी हिमालय में स्थित है और भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक है।
● सिक्किम की राजधानी गंगटोक है।
● राज्य उत्तर और उत्तर-पूर्व में चीन का तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, दक्षिण पूर्व में भूटान, दक्षिण में भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल और पश्चिम में नेपाल की सीमाओं से घिरा हुआ है।
● भारत-सिक्किम संधि के बाद वर्ष 1950 में सिक्किम भारत का एक संरक्षित राज्य बन गया, जिसमें भारत ने सिक्किम के बाहरी संबंधों, रक्षा और रणनीतिक संचार की जिम्मेदारी संभाली।
● नामग्याल राजवंश ने वर्ष 1975 तक सिक्किम पर शासन किया।
● इसका नाम लिम्बु (एक जनजाति) शब्द सु हिम से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'नया घर'।
● भारत की सबसे ऊँची चोटी और दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची पर्वत 'माउंट कंचनजंघा' सिक्किम में स्थित है।
● कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान (वर्ष 1977 में स्थापित), चोटी के पास भारत के उच्च-ऊँचाई वाले संरक्षण क्षेत्रों में सबसे बड़ा है।
● कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 2016 में 'मिश्रित' श्रेणी (प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्व दोनों के तत्त्वों से युक्त साइट) के तहत एक विश्व विरासत स्थल नामित किया गया था।
● सिक्किम कई अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के साथ स्थित होने के कारण भारत के लिए महान राजनीतिक और सामरिक महत्त्व रखता है।

Monday, May 15, 2023

 देवेन्द्रनाथ टैगोर

▪️देवेंद्रनाथ ठाकुर का जन्म  15 मई, 1817 में बंगाल में हुआ था।
▪️देवेन्द्रनाथ टैगोर ने राजाराम मोहन राय के विचारों से प्रभावित होकर 1839 ई. में 'तत्वबोधिनी सभा' की स्थापना की।
▪️राजा राम मोहनराय के बाद 1843 ई. में देवेन्द्रनाथ टैगोर ने ब्रह्म समाज को पुनर्जीवित किया।
▪️1865 ई. (1867 ई.-RBSE12th) में देवेन्द्रनाथ टैगोर ने केशवचंद्र सेन को आचार्य के पद से हटा दिया। ब्रह्म समाज दो भागों में बँट गया।
▪️देवेन्द्रनाथ टैगोर का समाज 'आदि ब्रह्म समाज' एवं केशवचन्द्र सेन का समाज 'भारत का ब्रह्म समाज' (भारतीय ब्रह्म समाज) कहलाया ।
▪️देवेन्द्रनाथ टैगोर के नेतृत्व में ब्रह्म समाज ने विधवा विवाह का समर्थन, स्त्री शिक्षा को बढ़ावा, बहुपत्नी प्रथा का उन्मूलन तथा   आडंबरपूर्ण धार्मिक कर्मकांडों को समाप्त करने जैसे सराहनीय कार्यों पर बल दिया।
▪️19 जनवरी,1905 को देवेन्द्रनाथ का निधन हो गया।

Saturday, May 13, 2023

 फखरुद्दीन अली अहमद

▪️फ़ख़रुद्दीन अली अहमद का जन्म 13 मई, 1905 को पुरानी दिल्ली के हौज़ क़ाज़ी इलाक़े में हुआ था। इनके पिता का नाम 'कर्नल जलनूर अली अहमद' और दादा का नाम 'खलीलुद्दीन अहमद' था।
▪️वर्ष 1928 में इंग्लैंड से विधि में डिग्री प्राप्त करने के पश्चात् फखरुद्दीन अली अहमद वापस भारत लौट आए और पंजाब उच्च न्यायालय में वकील के तौर पर नामांकित हुए।
▪️कालांतर में उन्होंने अपने गृह राज्य असम के गुवाहाटी उच्च न्यायालय में वकील के तौर पर कार्य करना प्रारंभ किया और जल्द ही वे अपनी प्रतिभा की बदौलत उच्चतम न्यायालय में बतौर वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में कार्य करने लगे।
▪️वर्ष 1931 में फखरुद्दीन अली अहमद ने अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली। 
▪️वर्ष 1938 में जब असम में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी तो फखरुद्दीन अली अहमद को वित्त एवं राजस्व मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया।
▪️उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और कई अवसरों पर जेल भी गए।
▪️महात्मा गाँधी के नेतृत्व में जब सत्याग्रह आंदोलन शुरू हुआ तो फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने भी उसमें भाग लिया। इस कारण अंग्रेज़ सरकार ने इन्हें 13 अप्रैल, 1940 को गिरफ्तार करके एक वर्ष के लिए जेल में डाल दिया। रिहा होने के कुछ समय पश्चात् इन्हें सुरक्षा कारणों से पुन: गिरफ्तार कर लिया गया तथा इन्हें अप्रैल, 1945 तक साढ़े तीन वर्ष जेल भुगतनी पड़ी।
▪️वर्ष 1952 में फखरुद्दीन अली अहमद को राज्यसभा सदस्य चुना गया।
▪️24 अगस्त, 1974 को फखरुद्दीन अली अहमद ने भारत के पाँचवें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।
▪️वे मृत्युपर्यंत राष्ट्रपति पद पर बने रहे; 11 फरवरी, 1977 को राष्ट्रपति भवन में हृदयाघात के कारण उनका देहांत हुआ।

Friday, May 12, 2023

 International Nurses Day

▪️Every year on 12 May 'International Nurses Day' is celebrated all over the world.
▪️This day is mainly organized in the memory of Florence Nightingale, the mother of modern nursing.
▪️The theme of International Nurses Day for the year 2023 is 'Our Nurses, Our Future'.
▪️'International Nurses Day' marks the contribution of nurses towards the society.
▪️This day was first celebrated by the 'International Council of Nurses' (ICN) in the year 1965, but from January, 1974, this day started being celebrated on May 12, the birth anniversary of Florence Nightingale.
▪️Florence Nightingale was a British citizen, who is known for serving wounded and sick soldiers in the war.
▪️Florence Nightingale trained other nurses in the Crimean War of the 1850s and also served as their manager.
▪️She is also known as 'Lady with the Lamp'.
▪️Modern health system has been greatly influenced by her ideas and reforms. It was Florence Nightingale who proved through statistics that how health can reduce the effect of any epidemic.

Thursday, May 11, 2023

 मृणालिनी साराभाई

▪️मृणालिनी साराभाई का  जन्म केरल में 11 मई, 1918 को हुआ था
▪️अपने बचपन का अधिकांश समय मृणालिनी साराभाई ने स्विट्जरलैंड में बिताया। यहां 'डेलक्रूज स्‍कूल' से उन्‍होंने पश्चिमी तकनीक से नृत्‍य कलाएं सीखीं। उन्‍होंने शांति निकेतन से भी शिक्षा प्राप्‍त की थी।
▪️मृणालिनी साराभाई ने भारत लौटकर जानी-मानी नृत्‍यांगना मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई से भरतनाट्यम का प्रशिक्षण लिया था और फिर दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य और पौराणिक गुरु थाकाज़ी कुंचू कुरुप से कथकली के शास्त्रीय नृत्य-नाटक में प्रशिक्षण लिया।
▪️यह भारत की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना थीं। उन्हें 'अम्मा' के तौर पर जाना जाता था। शास्त्रीय नृत्य में उनके योगदान तथा उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 'पद्मभूषण' से सम्मानित किया था।
▪️उनके पति विक्रम साराभाई देश के सुप्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक थे। उनकी बेटी मल्लिका साराभाई भी प्रसिद्ध नृत्यांगना और समाजसेवी हैं।
▪️मृणालिनी की बड़ी बहन लक्ष्मी सहगल स्वतंत्रता सेनानी थीं। वे प्रसिद्ध क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज की महिला सेना झांसी रेजीमेंट की कमांडर इन चीफ़ थीं।
▪️भारत सरकार की ओर से मृणालिनी साराभाई को 'पद्मश्री' से भी सम्मानित किया गया था।
▪️'यूनिवर्सिटी ऑफ़ ईस्ट एंगलिया', नॉविच यूके ने भी उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दी थी। 'इंटरनेशनल डांस काउंसिल पेरिस' की ओर से उन्हें एग्जीक्यूटिव कमेटी के लिए भी नामित किया गया था।
▪️प्रसिद्ध 'दर्पणा एकेडमी' की स्थापना मृणालिनी साराभाई ने की थी।
▪️मृणालिनी साराभाई का निधन 21 जनवरी, 2016 को अहमदाबाद, गुजरात में हुआ।

National Technology day

 National Technology Day

▪️Every year on May 11, 'National Technology Day' is organized all over India.
▪️On this day India successfully tested nuclear bombs at Pokhran on May 11, 1998.
▪️The nuclear missile was tested at the Indian Army's Pokhran Test Range in Rajasthan. This was the second test conducted after Operation Smiling Buddha at Pokhran-I in May, 1974.
▪️India successfully tested its Shakti-1 nuclear missile in an operation named Pokhran-II, known as 'Operation Shakti', which was led by the then President Dr. APJ Abdul Kalam.
▪️The day was first observed on May 11, 1999, with the aim of commemorating the scientific and technological achievements of Indian scientists, engineers. The day was named by former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee.
▪️India's first indigenous aircraft 'Hansa-3' was also tested in Bengaluru on 11 May itself.
▪️India also conducted successful firing test of Trishul missile on the same day.
▪️Every year the Indian Technology Development Board (a statutory body under the Ministry of Science and Technology) celebrates this day by conferring National Awards on individuals for their contribution to science and technology in India.
▪️Technology Development Board is a statutory body of the Government of India which functions under the Department of Science and Technology.
▪️It provides financial assistance to Indian industries and other agencies for commercialization of indigenous technologies or adaptation of imported technologies for wider domestic applications.

Wednesday, May 10, 2023

Online Application for admission in Jawahar Navodaya Vidyalaya in Class XI


 

Online Application for  admission in Jawahar Navodaya Vidyalaya in Class XI Through Lateral Entry


Admission notification for Class-XI for the session 2023-24 against vacant seats in Jawahar Navodaya Vidyalayas


ELIGIBILITY


* The candidate must have studied Class X during the academic session 2022-23 (April 2022 to March 2023 session) / 2022 (January to December 2022 session) from a Govt./ Govt. recognized school of the district where the Jawahar Navodaya Vidyalaya is functioning .


Candidates must Born between 01.06.2006 to 31.07.2008 (Both dates inclusive).


SUBJECTS OFFERED


English, Hindi, Mathematics, Physics, Chemistry, Biology, History,  Geography, Economics, Accountancy, Business Studies, Computer Science, Informatic Practices, Regional Language, Physical Education, 
Painting, Vocational Subjects (For JNV wise stream details, may please  refer to detailed prospectus cum notification available in NVS portal 
www.navodaya.gov.in)

Selection Test: 


Mental Ability, 
English, 
Mathematics, 
Science 
& Social Science

OMR based objective type

Bilingual question paper
(Hindi and English)

For syllabus and selection criteria, please 
refer to NVS notification.
If district of Class-X study and residence are the same, only then the candidate will be considered for district level merit.

Last Date to apply: 31.05.2023 


Date of Selection Test: 22.07.2023


Correction window will be opened on 1st and 2nd June 2023. 


Link: Click Here 



For detailed prospectus-cum-notification and registration, login to www.navodaya.gov.in

 रामेश्वर नाथ काव

● रामेश्वर नाथ काव का जन्म 10 मई, 1918 को वाराणसी के एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
● आर. एन. काव ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. की शिक्षा प्राप्त की थी।
● वे वर्ष 1940 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए तथा वर्ष 1948 में इंटेलिजेंस ब्यूरो से जुड़ गए।
● इंटेलिजेंस ब्यूरो का कार्यभार संभालने के साथ ही उन्हें सबसे पहले आज़ाद भारत के प्रमुख लोगों की सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया। इसी दौरान वह भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के व्यक्तिगत सुरक्षा प्रमुख बने।
● वर्ष 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के बाद ऐसी जाँच एजेंसी की जरूरत महसूस हुई जो देश को विदेशी दुश्मनों से सचेत रख सके।
● पण्डित नेहरू के कार्यकाल में काव अपनी योग्यता साबित कर चुके थे, इसलिए श्रीमती इंदिरा गाँधी ने ‘रॉ’ को गठित करने के विचार को मंजूरी दे दी। इस तरह ‘रॉ’ की स्थापना हुई और काव को ‘रॉ’ का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
● सिक्किम के भारत में विलय में भी काव की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने भारत की एक सुरक्षा बल इकाई, 'नेशनल सिक्योरिटी गार्ड' (एनएसजी) का भी गठन किया था।
● 20 जनवरी, 2002 को रामेश्वर नाथ काव की नई दिल्ली में मृत्यु हो गई।

Tuesday, May 9, 2023

 महाराणा प्रताप

▪️जन्म - 9 मई, 1540 (ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया, विक्रम संवत् 1597, रविवार)
▪️जन्म स्थान - बादल महल (कटारगढ़) कुंभलगढ़ दुर्ग
▪️पिता – महाराणा उदयसिंह
▪️माता – जयवंता बाई (पाली नरेश अखैराज सोनगरा की पुत्री)
▪️विवाह – 1557 ई. में अजबदे पँवार के साथ हुआ।
▪️पुत्र - अमरसिंह
▪️शासनकाल – 1572-1597 ई.
▪️उपनाम - 1. ‘कीका’ (मेवाड़ के पहाड़ी प्रदेशों में) 2. मेवाड़ केसरी 3. हिन्दुआ सूरज
▪️राजमहल की क्रांति - उदयसिंह ने जगमाल को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था लेकिन मेवाड़ के सामन्तों ने जगमाल को हटाकर राणा प्रताप को शासक बनाया, यह घटना ‘राजमहल की क्रांति’ कहलाती है।
▪️प्रथम राज्याभिषेक - 28 फरवरी, 1572 को महादेव बावड़ी (गोगुन्दा)
▪️विधिवत् राज्याभिषेक - कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ जिसमें मारवाड़ के राव चन्द्रसेन सम्मिलित हुए।
▪️प्रताप का घोड़ा – चेतक
▪️हाथी – रामप्रसाद व लूणा
▪️मुगलों से संघर्ष के लिए राणा प्रताप ने वीर सामन्तों तथा भीलों को एकजुट किया और उन्हें सैन्य व्यवस्था में उच्च पद देकर उनके सम्मान को बढ़ाया।
▪️गोपनीय तरीके से युद्ध का प्रबंध करने के लिए प्रताप ने अपना निवास स्थान गोगुन्दा से कुंभलगढ़ स्थानान्तरित कर दिया।
▪️अकबर द्वारा राणा प्रताप के पास भेजे गए 4 संधि प्रस्तावक/शिष्ट मण्डल –
(1) जलाल खाँ कोरची – नवम्बर, 1572
(2) मानसिंह – जून, 1573
(3) भगवन्तदास – अक्टूबर, 1573
(4) टोडरमल – दिसम्बर, 1573
▪️हल्दीघाटी का युद्ध (राजसमन्द)    ‌   18 जून, 1576
▪️वर्ष 1576 की शुरुआत में अकबर मेवाड़ पर आक्रमण की तैयारी हेतु अजमेर आया और यहीं पर मानसिंह को इस युद्ध का नेतृत्व सौंपा।
▪️अकबर ने युद्ध की व्यूह रचना मैगजीन दुर्ग में रची थी।
▪️मुगल सेना का प्रधान सेनानायक – मिर्जा मानसिंह (आमेर)
सहयोगी सेनानायक - आसफ खाँ
▪️राणा प्रताप की हरावल सेना का नेतृत्व - हकीम खाँ सूर
▪️चंदावल सेना का नेतृत्व - राणा पूँजा
▪️मुगल सेना के हरावल भाग का नेतृत्व - सैय्यद हाशिम
▪️मुगल पक्ष – मुहम्मद बदख्शी रफी, राजा जगन्नाथ और आसफ खाँ
▪️इतिहासकार बदायूँनी युद्ध में मुगल सेना के साथ उपस्थित था।
▪️हकीम खाँ सूर के नेतृत्व में राजपूतों ने पहला वार इतना भयंकर किया कि मुगल सेना भाग खड़ी हुई।
▪️उसी समय मुगलों की आरक्षित सेना के प्रभारी मिहत्तर खाँ ने यह झूठी अफवाह फैलाई कि – “बादशाह अकबर स्वयं शाही सेना लेकर आ रहे हैं।”
▪️यह सुनकर मुगल सेना फिर युद्ध के लिए आगे बढ़ी। मेवाड़ की सेना भी ‘रक्तताल’ नामक मैदान में आ डटी।
▪️युद्ध में राणा प्रताप के लूणा व रामप्रसाद और अकबर के गजमुक्ता व गजराज हाथियों के मध्य युद्ध हुआ।
▪️रामप्रसाद हाथी को मुगलों ने अपने अधिकार में ले लिया जिसका बाद में अकबर ने नाम बदलकर ‘पीरप्रसाद’ कर दिया।
▪️राणा प्रताप ने पठान बहलोल खाँ पर ऐसा प्रहार किया कि उसके घोड़े सहित दो टुकड़े हो गए।
▪️युद्ध में चेतक घोड़े पर राणा प्रताप और मर्दाना हाथी पर सवार मानसिंह का प्रत्यक्ष आमना-सामना हुआ।
▪️प्रताप ने भाले से मानसिंह पर वार किया लेकिन मानसिंह बच गया। इस दौरान चेतक हाथी के प्रहार से घायल हो गया।
▪️मुगल सेना ने प्रताप को चारों ओर से घेर लिया।
▪️राणा प्रताप के घायल होने पर झाला बीदा ने राजचिह्न धारण किया तथा युद्ध लड़ते हुए वीर गति प्राप्त की।
▪️युद्ध में हाथी के वार से घायल राणा प्रताप के घोड़े चेतक की एक नाले को पार करने के बाद मृत्यु हो गई।
▪️बलीचा गाँव में चेतक की समाधि बनी हुई है।
▪️‘अमरकाव्य वंशावली’ नामक ग्रंथ तथा राजप्रशस्ति के अनुसार यहाँ राणा प्रताप के भाई शक्तिसिंह ने प्रताप से मिलकर अपने किए की माफी माँगी।
▪️हल्दीघाटी युद्ध अनिर्णीत रहा। अकबर राणा प्रताप को बंदी बनाने में विफल रहा।
▪️युद्ध के परिणाम से नाराज अकबर ने मानसिंह और आसफ खाँ की ड्योढ़ी बंद कर दी।
▪️बदायूँनी कृत ‘मुन्तखब-उत्त-तवारीख’ में हल्दीघाटी युद्ध का वर्णन किया।
▪️इस युद्ध को अबुल-फजल ने ‘खमनौर का युद्ध’, बदायूँनी ने ‘गोगुन्दा का युद्ध’ तथा कर्नल टॉड ने ‘हल्दीघाटी का युद्ध’ कहा।
▪️राजसमन्द में प्रत्येक वर्ष ‘हल्दीघाटी महोत्सव’ मनाया जाता है।
▪️राणा प्रताप ने ‘आवरगढ़’ में अपनी अस्थाई राजधानी स्थापित की।
▪️फरवरी, 1577 में अकबर खुद मेवाड़ अभियान पर आया लेकिन असफल रहा।
▪️अक्टूबर, 1577 से नवम्बर, 1579 तक शाहबाज खाँ ने तीन बार मेवाड़ पर असफल आक्रमण किया।
▪️3 अप्रैल, 1578 को शाहबाज खाँ ने कुम्भलगढ़ दुर्ग पर अधिकार किया।
▪️राणा प्रताप ने कुंभलगढ़ दुर्ग पर पुन: अधिकार कर भाण सोनगरा को किलेदार नियुक्त किया।
▪️भामाशाह (पाली) ने महाराणा प्रताप की आर्थिक सहायता की थी।
▪️मेवाड़ का उद्धारक व दानवीर - भामाशाह को कहा जाता है।
▪️1580 में अकबर ने अब्दुल रहीम खानखाना को प्रताप के विरुद्ध भेजा। कुँवर अमरसिंह ने शेरपुर के मुगल शिविर पर आक्रमण कर खानखाना के परिवार की महिलाओं को बंदी बना लिया। यह सूचना जब राणा प्रताप को मिली तो उन्होंने तुरन्त मुगल महिलाओं को सम्मानपूर्वक वापस भेजने का आदेश दिया।
▪️दिवेर का युद्ध (अक्टूबर, 1582)  :-
▪️कुँवर अमरसिंह ने अकबर के काका सेरिमा सुल्तान का वध कर दिवेर पर अधिकार किया।
▪️कर्नल जेम्स टॉड ने इस युद्ध को ‘प्रताप के गौरव का प्रतीक’ और ‘मेवाड़ का मैराथन’ कहा।
▪️5 दिसम्बर, 1584 को अकबर ने आमेर के भारमल के छोटे पुत्र जगन्नाथ कच्छवाहा को प्रताप के विरुद्ध भेजा। जगन्नाथ भी असफल रहा। जगन्नाथ की माण्डलगढ़ में मृत्यु हो गई।
▪️जगन्नाथ कच्छवाहा की ’32 खम्भों की छतरी’ - माण्डलगढ़ (भीलवाड़ा) में स्थित है।
▪️राणा प्रताप ने बदला लेने के लिए आमेर क्षेत्र के मालपुरा को लूटा और झालरा तालाब के निकट ‘नीलकंठ महादेव मंदिर’ का निर्माण करवाया।
▪️1585 ई. से 1597 ई. के मध्य प्रताप ने चित्तौड़ एवं माण्डलगढ़ को छोड़कर शेष सम्पूर्ण राज्य पर पुन: अधिकार कर लिया था।
▪️1585 ई. में लूणा चावण्डिया को पराजित कर प्रताप ने चावण्ड पर अधिकार किया तथा इसे अपनी नई राजधानी बनाया।
▪️चावण्ड में प्रताप ने ‘चामुण्डा माता’ का मंदिर बनवाया।
▪️चावण्ड 1585 से अगले 28 वर्षों तक मेवाड़ की राजधानी रहा।
▪️1597 में धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाते समय प्रताप को गहरी चोट लगी। जो उनकी मृत्यु का कारण बनी।
▪️मृत्यु - 19 जनवरी, 1597, चावण्ड
▪️अग्निसंस्कार - बांडोली
▪️प्रताप की 8 खम्भों की छतरी - बांडोली (उदयपुर) में खेजड़ बाँध की पाल पर।
▪️प्रताप की मृत्यु पर अकबर के दरबार में उपस्थित कवि दुरसा आढ़ा ने एक दोहा सुनाया –
  गहलोत राणो जीत गयो दसण मूंद रसणा डसी।
  नीलास मूक भरिया नयन तो मृत शाह प्रताप सी।।
▪️महाराणा प्रताप के संदर्भ में कर्नल टॉड ने लिखा – “आलप्स पर्वत के समान अरावली में कोई भी ऐसी घाटी नहीं, जो प्रताप के किसी न किसी वीर कार्य, उज्ज्वल विजय या उससे अधिक कीर्तियुक्त पराजय से पवित्र न हुई हो। हल्दीघाटी ‘मेवाड़ की थर्मोपल्ली’ और दिवेर ‘मेवाड़ का मैराथन’ है।“
▪️प्रताप के बारे में कहा गया है कि –
  “पग-पग भम्या पहाड़, धरा छोड़ राख्यो धरम।
  महाराणा मेवाड़, हिरदे बसया हिन्द रे।। ”
▪️प्रताप कालीन रचनाएँ –
1. दरबारी पंडित चक्रपाणि मिश्र – विश्ववल्लभ, मुहूर्तमाला, व्यवहारादर्श व राज्याभिषेक पद्धति।
2. जैन मुनि हेमरत्न सूरी – गोरा-बादल, पद्मिनी चरित्र चौपाई, महिपाल चौपाई, अमरकुमार चौपाई, सीता चौपाई, लीलावती
▪️प्रताप द्वारा निर्मित मंदिर –
1. चामुण्डा देवी (चावण्ड)  
2. हरिहर मंदिर (बदराणा)
▪️चित्रकला - चावण्ड शैली का जन्म   ▪️प्रमुख चित्रकार – निसारुद्दीन

 गोपाल कृष्ण गोखले

▪️गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई, 1866 को वर्तमान महाराष्ट्र (तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा) के कोटलुक गाँव में हुआ था।
▪️उन्होंने कोल्हापुर के राजाराम कॉलेज में पढ़ाई की तथा गोखले ने वर्ष 1884 में एल्फिंस्टन कॉलेज से स्नातक किया।
▪️गोखले ने सामाजिक सशक्तीकरण, शिक्षा के विस्तार और तीन दशकों तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की दिशा में कार्य किया तथा प्रतिक्रियावादी या क्रांतिकारी तरीकों के इस्तेमाल को खारिज किया।
▪️वर्ष 1899 से 1902 के बीच वह बॉम्बे लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य रहे और वर्ष 1902 से 1915 तक उन्होंने इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में काम किया।
▪️इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में काम करने के दौरान गोखले ने वर्ष 1909 के मॉर्ले-मिंटो सुधारों को तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
▪️वर्ष 1889 में गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने। कई मायनों में, तिलक और गोखले के शुरुआती करियर में समानता थी। दोनों चित्पावन ब्राह्मण थे, दोनों एल्फिस्टन कॉलेज में पढ़े, दोनों गणित के प्रोफेसर बने और दोनों ही डेक्कन एजुकेशन सोसायटी के महत्त्वपूर्ण सदस्य थे।
▪️यह वह समय था जब ‘नरम दल’ और लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक तथा अन्य के नेतृत्व वाले ‘गरम दल’ के बीच व्यापक मतभेद पैदा हो गए थे। वर्ष 1907 के सूरत अधिवेशन में ये दोनों गुट अलग हो गए।
▪️वैचारिक मतभेद के बावजूद वर्ष 1907 में उन्होंने लाला लाजपत राय की रिहाई के लिए अभियान चलाया, जिन्हें अंग्रेज़ों द्वारा म्यांमार की मांडले जेल में कैद किया गया था।
▪️वर्ष 1905 में अपने राजनीतिक जीवन के क्षेत्र को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में अध्यक्ष के रूप में चुना।
▪️भारतीय शिक्षा के विस्तार के लिए 12 जून, 1905 को उन्होंने पुणे, महाराष्ट्र में सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसायटी (Servants of India Society) की स्थापना की। सोसायटी ने शिक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने और अस्पृश्यता और सामाजिक भेदभाव, शराब, गरीबी, महिलाओं के उत्पीड़न और घरेलू दुर्व्यवहार से लड़ने के लिए कई अभियान चलाए।
▪️वे महादेव गोविंद रानाडे द्वारा शुरू की गई 'सार्वजनिक सभा पत्रिका' से भी जुड़े थे।
▪️वर्ष 1908 में गोखले ने ‘रानाडे इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स’ की स्थापना की।
▪️उन्होंने अंग्रेज़ी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘द हितवाद’ की शुरुआत की।
▪️एक उदार राष्ट्रवादी के रूप में महात्मा गाँधी ने गोखले को अपना ‘राजनीतिक गुरु’ माना था।
▪️महात्मा गाँधी ने गुजराती भाषा में गोपाल कृष्ण गोखले को समर्पित एक पुस्तक 'धर्मात्मा गोखले' लिखी।
▪️19 फरवरी, 1915 को गोखले का निधन हो गया।

Monday, May 8, 2023

 विश्व थैलेसीमिया दिवस

▪️ प्रतिवर्ष 08 मई को सम्पूर्ण विश्व में ‘विश्व थैलेसीमिया दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
▪️ इसका प्राथमिक लक्ष्य थैलेसीमिया जैसे गंभीर आनुवंशिक विकार और इससे पीड़ित रोगियों के संघर्ष के संबंध में जागरूकता बढ़ाना है।
▪️ यह दिवस पीड़ितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये समर्पित डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों तथा इस रोग के उन्मूलन की दिशा में कार्य कर रहे वैज्ञानिकों का भी सम्मान करता है।
▪️ विश्व थैलेसीमिया दिवस 2023 की थीम ‘जागरूक रहें, साझा करें, देखभाल: थैलेसीमिया केयर गैप को पाटने के लिए शिक्षा को मजबूत बनाना’ (Be Aware. Share. Care: Strengthening Education to Bridge the Thalassaemia Care Gap) है। 
▪️ विश्व थैलेसीमिया दिवस की शुरुआत वर्ष 1994 में थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा की गई थी।
▪️ भारत में एक लाख से अधिक मरीज थैलेसीमिया पीड़ित हैं, जिनमें 40 लाख वाहक हैं।
▪️ थैलेसीमिया माता-पिता से विरासत में मिली (आनुवांशिक रूप से संचरित) ऑटोसोमल रिसेसिव डिसऑर्डर है ।
▪️ इस स्थायी रक्त विकार के कारण रोगी के लाल रक्त कणों (RBC) में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है, जिसके कारण एनीमिया हो सकता है और रोगियों को जीवित रहने के लिये हर दो से तीन सप्ताह बाद रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है।
▪️ रोग की गंभीरता जीन में शामिल उत्परिवर्तन और उनकी अंतःक्रिया पर निर्भर करती है।

 विश्व रेड क्रॉस दिवस

▪️ प्रतिवर्ष 08 मई को सम्पूर्ण विश्व में ‘विश्व रेड क्रॉस दिवस’ मनाया जाता है।
▪️ यह दिवस, अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट आंदोलन के सिद्धांतों को रेखांकित करता है।
▪️ यह दिवस आम जनमानस को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के कार्यों में संलग्न विश्व की महत्त्वपूर्ण एजेंसी (रेड क्रॉस) और समाज में उसके योगदान को जानने का अवसर प्रदान करता है।
▪️ इस वर्ष विश्व रेड क्रॉस दिवस की थीम ‘Everything we do comes # fromtheheart’ है।
▪️ रेड क्रॉस सोसाइटी का मुख्य उद्देश्य मूल रूप से हर समय और परिस्थितियों में सभी प्रकार की मानवीय गतिविधियों को प्रेरित करना, आरंभ करना और प्रोत्साहित करना है।
▪️ विश्व रेड क्रॉस दिवस 8 मई को हेनरी डुनांट की जयंती पर मनाया जाता है, जो रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति के संस्थापक थे।
▪️  ‘जीन हेनरी ड्यूनैंट’ को वर्ष 1901 में पहला नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था।
▪️  ‘इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस’ (ICRC) की स्थापना जीन हेनरी ड्यूनैंट द्वारा वर्ष 1863 में की गई थी। भारत में ‘इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी’ का गठन वर्ष 1920 में हुआ था।
▪️ रेड क्रॉस सोसाइटी 7 सिद्धांतों पर आधारित है , मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक, एकता और सार्वभौमिकता।
▪️ इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी सम्पूर्ण भारत में अपने नेटवर्क की मदद से मानव जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक स्वैच्छिक मानवतावादी संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1920 में हुई थी।
▪️ यह दुनिया के सबसे बड़े स्वतंत्र मानवतावादी संगठन, इंटरनेशनल रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट मूवमेंट का एक हिस्सा है।
▪️ इसका उद्देश्य आपदाओं तथा आपात स्थितियों के समय राहत प्रदान करना है और कमजोर लोगों एवं समुदायों के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं को भी बढ़ावा देना है।
▪️ भारत के राष्ट्रपति इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के प्रमुख तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री इस सोसाइटी के अध्यक्ष हैं।

Saturday, May 6, 2023

 पंडित मोतीलाल नेहरू

▪️ प्रख्यात वकील और राजनीतिज्ञ पंडित मोतीलाल नेहरू का जन्म 6 मई, 1861 को आगरा में हुआ था।
▪️ मोतीलाल नेहरू कश्मीर से थे, लेकिन अठारहवीं शताब्दी की शुरुआत से ही दिल्ली में बस गए थे।
▪️ मोतीलाल नेहरू के दादा, लक्ष्मी नारायण, दिल्ली के मुगल दरबार में ईस्ट इंडिया कंपनी के पहले वकील बने। उनके पिता गंगाधर, वर्ष 1857 में दिल्ली में एक पुलिस अधिकारी थे।
▪️ मोतीलाल नेहरू का बचपन खेतड़ी, राजस्थान में बीता। इसके बाद में उनका परिवार इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) चला गया।
▪️ मोतीलाल नेहरू ने कानपुर से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की और इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) के मुइर सेंट्रल कॉलेज में प्रवेश लिया। 
▪️ वर्ष 1907 में, उन्होंने इलाहाबाद  में उदारवादी राजनेताओं के एक प्रांतीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। वर्ष 1909 में उन्हें संयुक्त प्रांत परिषद् का सदस्य चुना गया।
▪️ मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) नगरपालिका बोर्ड और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य बने। उन्हें संयुक्त प्रांत कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया।
▪️ जून 1917 में श्रीमती बेसेंट की नजरबंदी ने उन्हें मैदान में ला खड़ा किया। वे होम रूल लीग की इलाहाबाद शाखा के अध्यक्ष बने।  अगस्त 1918 में उन्होंने संवैधानिक मुद्दे पर अपने नरमपंथी दोस्तों के साथ कंपनी छोड़ दी और बॉम्बे कांग्रेस में भाग लिया, जिसने मोण्टेग्यु -चेम्सफोर्ड सुधारों में आमूल-चूल परिवर्तन की माँग की।
▪️ 5 फरवरी, 1919 को, उन्होंने एक नया दैनिक पत्र ‘इंडिपेंडेंट’ लॉन्च किया।
▪️ दिसंबर, 1919 में अमृतसर कांग्रेस की अध्यक्षता करने के लिए चुने गए।
▪️ सितंबर 1920 में कलकत्ता में कांग्रेस के विशेष सत्र में असहयोग को अपना समर्थन देने वाले वे एकमात्र फ्रंट रैंक के नेता थे।
▪️ मोतीलाल नेहरू और सीआर दास ने जनवरी 1923 में स्वराज्य पार्टी की स्थापना की तथा  वर्ष 1923 के अंत में चुनाव लड़ा।  स्वराज पार्टी केंद्रीय विधान सभा के साथ-साथ कुछ प्रांतीय विधानमंडलों में सबसे बड़ी पार्टी थी। वर्ष 1925 के बाद से इसे कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक शाखा के रूप में मान्यता दी। अगले छह वर्षों के लिए विधान सभा में मोतीलाल नेहरू विपक्ष के नेता थे।
▪️ कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अंसारी द्वारा एक सर्वदलीय सम्मेलन आयोजित किया गया और मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक समिति की नियुक्त की गई थी, जो स्वतंत्र भारत के लिए एक संविधान के सिद्धांतों को निर्धारित करने के लिए गठित की गई थी। इस समिति ने , जिसकी अंतिम रिपोर्ट को ‘नेहरू रिपोर्ट’ कहा जाता है, ने सांप्रदायिक समस्या का समाधान करने का प्रयास किया, जो दुर्भाग्य से आगा खान और जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम राय के एक मुखर वर्ग का समर्थन प्राप्त करने में विफल रही।
▪️ दिसंबर 1928 में कलकत्ता कांग्रेस, जिसकी अध्यक्षता उन्होंने की थी, उन लोगों के बीच आमने-सामने का संघर्ष था, जो डोमिनियन स्टेट्स को स्वीकार करने के लिए तैयार थे और जिनके पास पूर्ण स्वतंत्रता से कम कुछ नहीं था।
▪️ एक शानदार वकील, एक शानदार वक्ता, एक महान सांसद और एक महान संगठक रहे मोतीलाल नेहरू का 6 फरवरी, 1931 को निधन हो गया।
उनका जीवन पर एक तर्कसंगत, मजबूत, धर्मनिरपेक्ष और निडर दृष्टिकोण था। वह गाँधीवादी युग में भारतीय राष्ट्रवाद के सबसे उल्लेखनीय और आकर्षक शख्सियतों में से एक थे।

Friday, May 5, 2023

 मेजर होशियार सिंह

▪️ 5 मई, 1936 को हरियाणा के सोनीपत जिले के सिसना नामक गाँव में जन्मे होशियार सिंह के माता-पिता का नाम मथुरी देवी तथा चौधरी हीरा सिंह था।
▪️ किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले होशियार सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय से प्राप्त की और उसके पश्चात् उन्होंने रोहतक के जाट उच्च प्राथमिक विद्यालय तथा जाट कॉलेज में दाखिला लिया। पढ़ाई-लिखाई में मेधावी छात्र रहे होशियार सिंह ने मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की।
▪️ वे वॉलीबॉल के उच्चकोटि के खिलाड़ी थे और जल्द ही पंजाब टीम के कप्तान बन गए, इसके फलस्वरूप उनका चयन राष्ट्रीय टीम के लिए हो गया।
▪️ होशियार सिंह एक ऐसे गाँव के निवासी थे, जहाँ के 250 से भी अधिक लोगों ने भारतीय सेना में अपनी सेवाएँ दी थीं। ऐसी पृष्ठभूमि के कारण भारतीय सेना में शामिल होने की उनकी तीव्र इच्छा थी।
▪️ वर्ष 1957 में एक सिपाही के रूप में वे  जाट रेजिमेंट की 2nd बटालियन में शामिल हुए ।
▪️ छह वर्षों के बाद प्रथम प्रयास में ही पदोन्नति परीक्षा उत्तीर्ण करके 30 जून, 1963 को वे ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में कमीशन्ड अधिकारी बन गए। नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (नेफ़ा) में जब वे कार्यरत थे, तभी इनकी बहादुरी के साथ-साथ इनके विलक्षण नेतृत्व कौशल पर लोगों की नज़र पड़ी। 
▪️ वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान बीकानेर सेक्टर में इन्होंने अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
▪️ इस ऑपरेशन के दौरान इन्होंने आगे बढ़कर अदम्य साहस तथा दृढ़ निश्चय का प्रदर्शन किया। अपने बहादुरी भरे कार्यों के लिए इन्होंने ‘मेन्शन इन डिस्पैचेज़’ भी प्राप्त किया।
▪️ मेजर होशियार सिंह वर्ष 1971 के युद्ध के लिए अपने जीवनकाल में ही परमवीर चक्र पाने वाले एकमात्र विजेता थे।
▪️ 6 दिसम्बर, 1998 को इन्होंने अंतिम श्वास ली।

 ज्ञानी ज़ैल सिंह

▪️ज्ञानी ज़ैल सिंह का जन्म पंजाब में फरीदकोट जिले के संधवा नामक गाँव में 5 मई, 1916 को हुआ।
▪️ज्ञानी ज़ैल सिंह का बचपन का नाम जरनैल सिंह था।
▪️ज्ञानी ज़ैल सिंह की स्कूली शिक्षा भी पूरी नहीं हो पाई कि उन्होंने उर्दू सीखने की शुरुआत की, फिर पिता की राय से गुरुमुखी पढ़ने लगे।
▪️अंग्रेजों द्वारा कृपाण पर रोक लगाने के विरोध में ज़ैल सिंह को भी जेल जाना पड़ा था, वहाँ उन्होंने अपना नाम ज़ैल सिंह लिखवा दिया तथा जेल से रिहा होने पर यही ज़ैल सिंह नाम प्रसिद्ध हो गया।
▪️ज्ञानी ज़ैल सिंह क्रांतिकारियों के भी संपर्क में रहे। उन्होंने ‘प्रजामंडल’ का गठन किया। वे मास्टर तारासिंह के संपर्क में आये, जिन्होंने उन्हें फिर पढ़ने के लिए भेज दिया।
▪️कालांतर में उन्होंने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में नौकरी भी की।
▪️वर्ष 1946 में जब फरीदकोट में अफसरों ने तिरंगा झंडा नहीं फहराने दिया, तो ज्ञानी जी ने नेहरू जी को निमंत्रित कर लिया।
▪️वर्ष 1969 में उनकी इंदिरा जी से राजनीतिक निकटता बढ़ी तथा वर्ष 1972 से वर्ष 1977 तक ज्ञानी जी पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 1980 में इंदिरा गांधी सरकार में देश के गृहमंत्री बने।
▪️वर्ष 1982 में श्री नीलम संजीव रेड्डी का कार्यकाल समाप्त होने पर ज्ञानी जी देश के आठवें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए  तथा 25 जुलाई, 1982 को उन्होंने पद की शपथ ली।
▪️उनके कार्यकाल में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर परिसर में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ तथा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या प्रमुख घटनाएँ हैं।
▪️25 दिसंबर, 1994 को ज्ञानी ज़ैल सिंह का निधन हो गया।
▪️उनकी स्मृति में भारतीय डाक विभाग ने वर्ष 1995 में प्रथम पुण्यतिथि पर एक डाक टिकट जारी किया।

Tuesday, May 2, 2023

 ‘विश्व टूना दिवस’

⬧ प्रतिवर्ष 2 मई को टूना मछली (Tuna Fish) के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सम्पूर्ण विश्व में ‘विश्व टूना दिवस’ मनाया जाता है।
⬧ यह दिन संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा टूना मछली के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया है।
⬧ विश्व टूना दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा दिसंबर, 2016 में 71/124 के प्रस्ताव को ग्रहण कर आधिकारिक रूप से घोषित किया गया था।
⬧ संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व में कई देश खाद्य सुरक्षा और पोषण दोनों के लिए टूना मछली पर निर्भर है।
⬧ संयुक्त राष्ट्र ने सतत मात्स्यिकी प्रथाओं के बारे में और टूना की भारी माँग से इसे होने वाले खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिवस की स्थापना की थी।
⬧ टूना मछली अपने स्वस्थ और स्वादिष्ट मांस के लिए विश्व स्तर पर लोकप्रिय है। टूना मछली ओमेगा-3 से समृद्ध है और इसमें मिनरल्स, प्रोटीन और विटामिन बी-12 भी पाया जाता है।

 लियोनार्डो दा विन्ची ( Leonardo da Vinci)

“सबसे बड़ी ख़ुशी समझने की ख़ुशी है।“
⬧ लियोनार्डो दा विन्ची का जन्म 15 अप्रैल, 1452 को इटली के प्रसिद्ध शहर फ्लोरेंस के निकट विंची में हुआ था।
⬧ उनके पिता एक प्रसिद्ध वकील थे।
⬧ लियोनार्डो दा विन्ची की आश्चर्यजनक अभिरुचि वनस्पति विज्ञान और शरीर रचना विज्ञान से लेकर गणित शास्त्र और कला तक विस्तृत थी।
⬧ उन्होंने ‘मोनालीसा’ और ‘द लास्ट सपर’ (अन्तिम भोज, 1495) चित्रों की रचना की।
⬧ उनका यह स्वप्न था कि वे आकाश में उड़ सकें। वे वर्षों तक आकाश में पक्षियों के उड़ने का परीक्षण करते रहे और उन्होंने एक उड़न-मशीन (Flying Machine) का प्रतिरूप (Design) बनाया।
⬧ उन्होंने अपना नाम 'लियोनार्डो दा विन्ची, परीक्षण का अनुयायी' रखा।
⬧ विन्ची का 2 मई, 1519 में फ़्रांस के क्लाउस नामक शहर में देहांत हो गया था।

                                                        FLASH CARD                                                        SCIENCE CHAPTER 1 ...