Friday, June 30, 2023

  टॉप हेडलाइंस ⌲ 30 जून 2023


1. केंद्र सरकार द्वारा बच्चों की बेहतर सुरक्षा के लिए किये गए प्रयासों के परिणामस्वरूप अब बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर जारी संयुक्त राष्ट्र महासचिव की रिपोर्ट में भारत का नाम हटा दिया गया है

2. उत्तर प्रदेश के 7 उत्पादों को जीआई टैग

3. एच-1बी वीज़ा धारकों के लिये कनाडा की ओपन वर्क परमिट स्ट्रीम

4. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में अनुसंधान के इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए संसद में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक, 2023 को पेश करने को मंजूरी दी

5. नई दिल्‍ली के लुटियन जोन में औरंगजेब लेन का नाम अब होगा- एपीजे अब्‍दुल कलाम लेन

6. श्रीअन्‍न गान- एबंडांस इन मिलेट्स का वीडियो जारी

7. फिलीपीन्‍स ने पांचवी संयुक्‍त द्धिपक्षीय सहयोग आयोग की बैठक में भारत के साथ नवीनीकृत हवाई सेवा समझौते को मंजूरी दी

8. श्री नारायण राणे ने महिला उद्यमियों के लिए 'चैंपियंस 2.0 पोर्टल', 'क्लस्टर परियोजनाओं, प्रौद्योगिकी केंद्रों की जियो-टैगिंग के लिए मोबाइल ऐप' और 'एमएसएमई आइडिया हैकथॉन 3.0' लॉन्च किया।

9. राष्ट्रीय निकास परीक्षा

10. जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिये आधार प्रमाणीकरण

11. 2009 के बाद से वनों में बाल्ड ईगल की संख्या चार गुना हो गई

12. पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना लांच की गई

13. डीआरडीओ ने उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्र में रक्षा अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने हेतु ‘अनुसंधान चिंतन शिविर’ का आयोजन किया

14. रोहित जावा हिंदुस्तान यूनिलीवर के एमडी और सीईओ नियुक्त

15. भारत की पहली हाइड्रोजन चालित ट्रेन हरियाणा के जिंद जिले से चलेगी

16. विंबलडन में स्पेन के 20 वर्षीय कार्लोस अल्काराज शीर्ष वरीयता पर

17. वैज्ञानिकों ने पूरे ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण तरंगों के रिप्पल प्रभाव की खोज की है।

18. विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा को "ग्रेट इमिग्रेंट्स" सूची में जगह मिली।

19. फिलीपींस ने 5वीं संयुक्त द्विपक्षीय सहयोग आयोग की बैठक में भारत के साथ नवीनीकृत हवाई सेवा समझौते को मंजूरी दी।

20. जयपुर में 29 जून से 5 जुलाई तक "दिव्य कला मेला" आयोजित किया जा रहा है।

21. संकटग्रस्त श्रीलंका के लिए 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बजटीय, कल्याणकारी सहायता को विश्व बैंक ने 29 जून को मंजूरी दी।

22. विश्व क्षुद्रग्रह दिवस 2023: 30 जून

23. केंद्रीय खान मंत्री, प्रह्लाद जोशी ने भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिजों पर भारत की पहली रिपोर्ट जारी की।

24. केनरा बैंक रुपे (RuPay) क्रेडिट कार्ड के माध्यम से व्यापारियों को यूपीआई भुगतान की अनुमति देने वाला भारत का पहला सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन गया है।

25. केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने 'रिपोर्ट फिश डिजीज’ ऐप लॉन्च किया।

26. उत्तर प्रदेश सरकार 1 जुलाई से 'वन-टैप-वन-ट्री' अभियान शुरू करेगी।

27. भारत मेगा हवाई अभ्यास "तरंग शक्ति" की मेजबानी करने की योजना बना रहा है।

28. कोलकाता टीम ने ऐतिहासिक दुबई महिला कबड्डी फाइनल जीता।

29. संयुक्त राष्ट्र ने बच्चों पर सशस्त्र संघर्ष के प्रभाव पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट से भारत का नाम हटा दिया।

30. टीएस सिंह देव छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री बने।

Thursday, June 29, 2023

 प्रशांत चंद्र महालनोबिस

● प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म 29 जून, 1893 को कलकत्ता के 210, कार्नवालिस स्ट्रीट स्थित उनके पैतृक आवास में हुआ था।
● उनके पिता का नाम प्रबोध चंद्र महालनोबिस था जो साधारण ब्रह्म समाज के सक्रिय सदस्य थे।
● महालनोबिस की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा उनके दादा, गुरु चरन महालनोबिस द्वारा स्थापित ब्रह्म ब्वॉयज स्कूल में हुई।
● उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा इसी स्कूल से वर्ष 1908 में उत्तीर्ण की।
● महालनोबिस प्रेसीडेंसी कालेज से भौतिकी विषय में ऑनर्स करने के बाद उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए लंदन चले गए तथा वहाँ इन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से भौतिकी और गणित दोनों विषयों से डिग्री हासिल की।
● वैज्ञानिक होने के अलावा श्री महालनोबिस की रुचि साहित्य में भी थी।
● उनके गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर के साथ काफ़ी अच्छे संबंध थे।
● टैगोर ने ‘विश्व भारती’ की स्थापना की तो प्रोफेसर महालनोबिस को संस्थान का सचिव नियुक्त किया।
● प्रोफेसर ने गुरुदेव के साथ कई देशों की यात्रा भी की और कई महत्त्वपूर्ण दस्तावेज भी लिखे।
● भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उनकी मदद लेनी शुरू कर दी और उन्होंने कृषि व बाढ़ नियंत्रण के क्षेत्र में कई अभिनव प्रयोग किए।
● उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा वर्ष 1944 में ‘वेल्डन मेडल’ से सम्मानित किया गया तथा वर्ष 1945 में रॉयल सोसायटी ने उन्हें अपना फेलो नियुक्त किया।
● प्रोफेसर महालनोबिस ने सांख्यिकी के उपयोग से पंचवर्षीय योजनाओं के निर्माण में अहम् भूमिका निभाई।
● 17 दिसंबर, 1931 को कोलकाता में ‘भारतीय सांख्यिकी संस्थान’ की स्थापना हुई।
● आज कोलकाता के अलावा इस संस्थान की शाखाएँ दिल्ली, बैंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, कोयंबटूर, चेन्नई, गिरिडीह सहित देश के दस स्थानों में हैं तथा संस्थान का मुख्यालय कोलकाता में है, जहाँ मुख्य रूप से सांख्यिकी की पढ़ाई होती है।
● प्रोफेसर महालनोबिस को वर्ष 1957 में अंतर्राष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थान का सम्मानित अध्यक्ष बनाया गया।
● वर्ष 1959 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान को ‘राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान’ घोषित किया गया।
● प्रशान्त चन्द्र महालनोबिस का जन्‍मदिन 29 जून, प्रतिवर्ष भारत में ‘सांख्यिकी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
● भारत सरकार ने वर्ष 1968 में प्रोफेसर प्रशान्त चन्द्र महालनोबिस को देश के दूसरे सर्वोच्च सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया।
● वर्ष 1968 में उन्हें ‘श्रीनिवास रामानुजम स्वर्ण पदक’ से सम्मानित किया गया।
● 28 जून, 1972 को महलनोबिस का कलकत्ता में निधन हो गया।

Tuesday, June 27, 2023

 बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

● भारत के महान उपन्यासकार एवं कवि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म 27 जून, 1838 को पश्चिम बंगाल के कंठपुरा गाँव में हुआ था।

● उन्होंने संस्कृत में भारत के राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ की रचना की जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बना।

● 1857 में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ एक मज़बूत विद्रोह हुआ परंतु बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 1859 में बी.ए. की परीक्षा पास की।

● बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय 1891 ई. तक कलकत्ता के डिप्टी कलेक्टर रहे।

● महाकाव्य उपन्यास आनंदमठ, संन्यासी विद्रोह (1770-1820) की पृष्ठभूमि से प्रभावित था।

● उन्होंने अपने साहित्यिक अभियान के माध्यम से बंगाल के लोगों को बौद्धिक रूप से प्रेरित किया।

● भारत को अपना राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् आनंदमठ से मिला। 

● उन्होंने 1872 ई. में एक मासिक साहित्यिक पत्रिका, बंगदर्शन की भी शुरुआत की, जिसके माध्यम से बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को एक बंगाली पहचान और राष्ट्रवाद के उद्भव को प्रभावित करने का श्रेय दिया जाता है।

● बंकिम चंद्र चाहते थे कि यह पत्रिका शिक्षित और अशिक्षित वर्गों के बीच संचार के माध्यम के रूप में कार्य करें।

● 1880 के दशक के अंत में पत्रिका का प्रकाशन बंद कर दिया गया परंतु वर्ष 1901 में रवींद्रनाथ टैगोर के संपादक बनने के बाद इसे फिर से शुरू किया गया।

● बंगाल विभाजन (वर्ष 1905) के दौरान पत्रिका ने विरोध और असंतोष की आवाज़ को एक आधार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। टैगोर का अमार सोनार बांग्ला बांग्लादेश का राष्ट्रगान तब पहली बार बंगदर्शन में प्रकाशित हुआ था।

● उन्होंने संस्कृत का अध्ययन किया था और वह इस विषय में बहुत रुचि रखते थे, लेकिन बाद में बंगाली भाषा को जनता की भाषा बनाने की ज़िम्मेदारी ली।

● उनके प्रसिद्ध उपन्यासों में कपालकुंडला, देवी चौधरानी, विष बृक्ष (द पॉइज़न ट्री), चंद्रशेखर, राजमोहन की पत्नी और कृष्णकांत’स विल शामिल हैं।

● 8 अप्रैल, 1894 को उनका निधन हो गया।

Monday, June 26, 2023

 नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस

⬧ प्रतिवर्ष 26 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस  मनाया जाता है।
⬧ इसका मुख्य उद्देश्य समाज पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरनाक प्रभावों के बारे में जागरूकता का प्रसार करना तथा दुनिया को नशे से मुक्त करना है।
⬧ वर्ष 2023 के लिए इस दिवस की थीम "लोग पहले : कलंक और भेदभाव को रोकें, रोकथाम को मजबूत करें" (People first: stop stigma and discrimination, strengthen prevention) है।
⬧ 7 दिसंबर, 1987 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
⬧ इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1989 में की गई थी।
⬧ 26 जून की तारीख को ग्वांगडोंग में लिन ज़ेक्सू द्वारा अफीम व्यापार को समाप्त करने के उपलक्ष्य में चुनी गई है।
⬧ संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर अवैध ड्रग का मूल्य प्रतिवर्ष 322 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
⬧ वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि वर्ष 2018 में लगभग 269 मिलियन लोगों ने ड्रग्स का इस्तेमाल किया जो वर्ष 2009 की तुलना में 30% अधिक है।
⬧ UNODC संयुक्त राष्ट्र का एक अंग है जो विश्व को ड्रग्स, भ्रष्टाचार, अपराध और आतंकवाद से सुरक्षित रखने में मदद करता है।

 छत्रपति शाहू महाराज

⬧ राजर्षि शाहू के नाम से प्रसिद्ध छत्रपति शाहूजी महाराज का जन्म 26 जून, 1874 को कोल्हापुर जिले के कागल गाँव में हुआ।
⬧ इनके पिता जयसिंहराव और माता राधाबाई थे।
⬧ शाहूजी महाराज कोल्हापुर रियासत के पहले महाराजा थे।
⬧ समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और सत्य शोधक समाज आंदोलन के योगदान से प्रभावित, शाहू महाराज एक आदर्श नेता और सक्षम शासक थे, जो अपने शासन के दौरान कई प्रगतिशील और पथ-प्रदर्शक गतिविधियों से जुड़े थे।
⬧ उन्होंने विभिन्न जातियों और धर्मों के लिए अलग-अलग छात्रावासों की स्थापना की और मेधावी छात्रों के लिए कई छात्रवृत्तियाँ शुरू कीं।
⬧ उन्होंने वैदिक विद्यालयों की स्थापना की जो सभी जातियों और वर्गों के छात्रों को शास्त्र सीखने और सभी के बीच संस्कृत शिक्षा का प्रचार करने में सक्षम बनाते थे।
⬧ उन्होंने ग्राम प्रधानों या 'पाटिलों' को बेहतर प्रशासक बनाने के लिए उनके लिए विशेष स्कूल भी शुरू किए।
⬧ उन्होंने आह्वान किया कि “जातिवाद को समाप्त करना आवश्यक है।
⬧ उन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने के लिए स्कूलों की स्थापना की और देवदासी प्रथा, भगवान को लड़कियों की पेशकश करने की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने वाला एक कानून पेश किया, जिससे अनिवार्य रूप से लड़कियों का शोषण हुआ।
⬧ उन्होंने वर्ष 1917 में विधवा पुनर्विवाह को वैध बनाया और बाल विवाह को रोकने की दिशा में प्रयास किए।
⬧ उन्होंने कृषि पद्धतियों को आधुनिक बनाने के लिए उपकरण खरीदने के इच्छुक किसानों को ऋण उपलब्ध कराया और यहाँ तक कि किसानों को फसल की उपज और संबंधित तकनीकों को बढ़ाने के लिए सिखाने के लिए किंग एडवर्ड कृषि संस्थान की स्थापना की।
⬧ उन्होंने 18 फरवरी, 1907 को राधानगरी बाँध की शुरुआत की और यह परियोजना वर्ष 1935 में पूरी हुई।
⬧ वे कला और संस्कृति के महान संरक्षक थे और उन्होंने संगीत और ललित कलाओं के कलाकारों को प्रोत्साहित किया।
⬧ महान समाज सुधारक छत्रपति शाहूजी महाराज का निधन 6 मई, 1922 को हुआ था।

Friday, June 23, 2023

 श्यामा प्रसाद मुखर्जी

⬧ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को कलकत्ता में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
⬧ डॉ. मुखर्जी ने वर्ष 1921 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
⬧ उन्होंने वर्ष 1923 में एम.ए. और वर्ष 1924 में बी.एल. किया।
⬧ वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ, बैरिस्टर और शिक्षाविद् थे जिन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया।
⬧ वर्ष 1934 में 33 वर्ष की आयु में, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति बने।
⬧ कुलपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, रवींद्रनाथ टैगोर ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को पहली बार बंगाली भाषा में संबोधित किया और भारतीय भाषा को सर्वोच्च परीक्षा के लिए एक विषय के रूप में प्रस्तुत किया गया।
⬧ वर्ष 1946 में उन्होंने बंगाल के विभाजन की माँग की ताकि इसके हिंदू-बहुल क्षेत्रों को मुस्लिम बहुल पूर्वी पाकिस्तान में शामिल करने से रोका जा सके।
⬧ वर्ष 1947 में उन्होंने सुभाषचंद्र बोस के भाई शरत बोस और बंगाली मुस्लिम राजनेता हुसैन शहीद सुहरावर्दी द्वारा बनाई गई एक संयुक्त लेकिन स्वतंत्र बंगाल के लिए एक असफल बोली का भी विरोध किया।
⬧ उन्होंने आधुनिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ (BJS) की स्थापना की।
⬧ जम्मू और कश्मीर के मुद्दों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के साथ मतभेद के कारण भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस से अलग होने के बाद, उन्होंने जनता पार्टी की स्थापना की, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बनी।
⬧ वर्ष 1953 में, कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे के विरोध में उन्होंने बिना अनुमति के कश्मीर में प्रवेश करने की कोशिश की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
⬧ हिरासत के दौरान 23 जून, 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई।

 संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस

⬧ प्रतिवर्ष 23 जून को सम्पूर्ण विश्व में संयुक्त राष्ट्र द्वारा लोक सेवाओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में ‘संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
⬧ यह दिवस लोक सेवकों के कार्य को मान्यता देते हुए समाज के विकास में उनके योगदान पर ज़ोर देता है और युवाओं को सार्वजनिक क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए प्रेरित करता है।
⬧ 20 दिसंबर, 2002 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 जून को संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के रूप में घोषित किया था।
⬧ इस दिवस के संबंध में जागरूकता और लोक सेवा के महत्त्व को बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2003 में ‘संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार’ (UNPSA) कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसे वर्ष 2016 में सतत् विकास के लिए वर्ष 2030 एजेंडा के अनुसार अपडेट किया गया था।
⬧ ‘संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार’ कार्यक्रम सार्वजनिक संस्थाओं की नवीन उपलब्धियों और सेवाओं को मान्यता देकर लोक सेवाओं में नवाचार एवं गुणवत्ता को बढ़ावा देता है तथा उन्हें पुरस्कृत करता है, जो सतत् विकास के पक्ष में दुनिया भर के देशों में अधिक कुशल एवं अनुकूल लोक प्रशासन में योगदान दे रहे हैं।

 अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस

⬧ प्रतिवर्ष 23 जून को सैनिक गतिविधियों में खेल एवं स्वास्थ्य के महत्त्व को बढ़ावा देने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
⬧ यह दिवस 1894 ई. में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्थापना को चिह्नित करता है।
⬧ इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम लोगों के बीच खेलों को प्रोत्साहित करना और खेल को जीवन का अभिन्न अंग बनाने का संदेश प्रसारित करना है।
⬧ आधुनिक ओलंपिक खेलों की शुरुआत ओलंपिया (ग्रीस) में आठवीं शताब्दी ईसा पूर्व से चौथी शताब्दी ईस्वी तक आयोजित प्राचीन ओलंपिक खेलों से प्रेरित है।
⬧ यह ग्रीस के ओलंपिया में ज़ीउस (Zeus) (ग्रीक धर्म के सर्वोच्च देवता) के सम्मान में आयोजित किया जाता था।
⬧ बेरोन पियरे दी कोबर्टिन ने 1894 ई. में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की स्थापना की और ओलंपिक खेलों की नींव रखी।
⬧ यह एक गैर-लाभकारी स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो खेल के माध्यम से एक बेहतर विश्व के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
⬧ यह ओलंपिक खेलों के नियमित आयोजन को सुनिश्चित करता है, सभी संबद्ध सदस्य संगठनों का समर्थन करता है और उचित तरीकों से ओलंपिक के मूल्यों को बढ़ावा देता है।
⬧ अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के आयोजन का विचार वर्ष 1947 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया और वर्ष 1948 में इस प्रस्ताव को आधिकारिक स्वीकृति दी गई।

Wednesday, June 21, 2023

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 विश्व संगीत दिवस

❖  प्रतिवर्ष 21 जून को ‘विश्व संगीत दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
❖  इसका मुख्य उद्देश्य संगीत के माध्यम से शांति और सद्भावना को बढ़ावा देना है।
❖  इस दिवस के आयोजन की कल्पना सर्वप्रथम वर्ष 1981 में फ्रांस के तत्कालीन संस्कृति मंत्री द्वारा की गई थी।
❖  ‘विश्व संगीत दिवस’ की शुरुआत में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले फ्रांस के तत्कालीन संस्कृति मंत्री मौरिस फ्लेरेट स्वयं एक प्रसिद्ध संगीतकार, पत्रकार और रेडियो निर्माता थे।
❖  इस दिवस के अवसर पर भारत समेत विश्व के तमाम देशों में जगह-जगह संगीत प्रतियोगिताओं और संगीत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
❖  वर्तमान समय में संगीत एक ऐसा सशक्त माध्यम बन गया है, जिसका प्रयोग वैज्ञानिकों द्वारा व्यक्ति को मानसिक रोगों व व्याधियों से मुक्ति प्रदान करने के लिए भी किया जा रहा है।
❖  कई अध्ययनों और विशेषज्ञों के मुताबिक, संगीत तनाव को कम करने और बेहतर नींद प्रदान करने में भी मददगार साबित हो सकता है।

 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

❖  प्रतिवर्ष 21 जून को ‘ग्रीष्मकालीन संक्रांति’ (Summer Solstice) के साथ विश्व स्तर पर ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ (International Yoga Day) का आयोजन किया जाता है।
❖  विश्व स्तर पर सर्वप्रथम वर्ष 2015 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया था।
❖  11 दिसंबर, 2014 को ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ के 69वें सत्र के दौरान एक प्रस्ताव पारित करके 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस/विश्व योग दिवस के रूप में मनाए जाने के लिए मान्यता दी गई थी।
❖  संयुक्त राष्ट्र महासभा के इस सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विश्व में योग को पहचान दिलाने एवं योग की महत्ता से विश्व को अवगत कराते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के इस सत्र में विश्व योग दिवस घोषित किए जाने से संबंधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
❖  प्रधानमंत्री की इस अपील के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा के 123 सदस्यों की इस बैठक में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को रखा गया जिसमें 177 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
❖  इस दिवस के लिए वर्ष 2023 की थीम 'वसुधैव कुटुम्बकम् के लिए योग' है जो एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का वर्णन करती है।
❖  वसुधैव कुटुम्बकम् प्राचीन काल से ही भारतीय विरासत के लिए मार्गदर्शन कराने वाला प्रकाश रहा है और भारतीय लोकाचार व सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने इसके चारों ओर बुने गए हैं।
❖  भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है, जिसके बाद 21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन माना जाता है।
❖  21 जून को सूर्य कुछ शीघ्र उगता है तथा देर से डूबता है।
❖  भारतीय परंपरा में दक्षिणायन के समय को आध्यात्मिक विद्या प्राप्त करने के लिए बेहद अनुकूल समय माना जाता है।
❖  वर्ष 2019 में ‘आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी’ (आयुष) (Ministry of Ayurveda, Yoga & Naturopathy, Unani, Siddha and Homoeopathy- AYUSH) मंत्रालय द्वारा अपने 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' में, यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि, बन्ध और मुद्रा, सत्कर्म, युक्ताहार, मंत्र-जाप, युक्ता-कर्म जैसे लोकप्रिय योग 'साधना' को सूचीबद्ध किया गया है।
❖  योग को प्राचीन भारतीय कला के एक प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
❖  जीवन को सकारात्मक और ऊर्जावान बनाए रखने में योग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Monday, June 19, 2023

 डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय

❖  भारत के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी के जनक डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय का जन्म 16 जनवरी, 1931 को हुआ था।
❖  सुभाष मुखोपाध्याय की शिक्षा कलकत्ता और उसके बाद एडिनबर्ग में हुई थी।
❖  इनकी विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक के जरिए भारत में पहली टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म 3 अक्टूबर, 1978 को कलकत्ता में हुआ था।
❖  डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय जब स्कॉटलैंड की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री लेकर कलकत्ता लौटे, तब तक टेस्ट ट्यूब बेबी पर विश्वभर में चर्चा तेज हो चुकी थी, लेकिन कोई सफल प्रयोग होना अभी बाकी था।
❖  25 जुलाई, 1978 को चिकित्सक पैट्रिक स्टेप्टो और रॉबर्ट एडवर्ड्स ने टेस्ट ट्यूब के जरिए बच्चे को जन्म देने की घोषणा कर इतिहास रच दिया।
❖  25 जुलाई की घोषणा के महज 67 दिनों के भीतर 3 अक्टूबर, 1978 को डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय ने भी एक घोषणा की तथा उन्होंने दुनिया को बताया कि टेस्ट ट्यूब के जरिए बच्चे को जन्म देने का उन्होंने भी सफल प्रयोग कर लिया है।
❖  टेस्ट ट्यूब के जरिए जन्मीं बच्ची को नाम मिला ‘दुर्गा’। इस नाम के पीछे की कहानी यह है कि 3 अक्टूबर, 1978 को दुर्गा पूजा का पहला दिन था, इसलिए उसका नामकरण ‘दुर्गा’ कर दिया गया।
❖  बेहद कम संसाधन व तकनीक के बावजूद डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय का प्रयोग शत-प्रतिशत सफल रहा।
❖  डॉक्टर सुभाष मुखोपाध्याय वैश्विक प्लेटफॉर्म पर जाकर दुनिया को अपने प्रयोग के बारे में बताना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इसकी इजाजत उन्हें नहीं दी। इसके उलट उस वक्त की पश्चिम बंगाल की सरकार ने उनके दावों की जाँच के लिए 18 नवंबर, 1978 को एक कमेटी बना दी।
❖  उन्हें जापान में अपने प्रयोग के बारे में बताने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन सरकार ने उन्हें वहाँ भी जाने की इजाजत नहीं दी।
❖  वर्ष 1981 में सजा के तौर पर उनका ट्रांसफर रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑफ्थॉल्मोलॉजी (कलकत्ता) में कर दिया गया।
❖  उन्होंने 19 जून, 1981 को आत्महत्या कर ली।
❖  वर्ष 1986 में भारत के ही एक डॉक्टर टी. सी. आनंद कुमार ने भी टेस्ट ट्यूब पद्धति से एक बच्चे को जन्म दिया। उन्हें 'भारत में टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म देने वाले पहले डॉक्टर' का खिताब मिला।
❖  वर्ष 1997 में उनके हाथ वे महत्त्वपूर्ण दस्तावेज लग गए, जो इस बात की गवाही देते थे कि उनसे पहले डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय ने टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म दिया था। सभी दस्तावेजों के गहन अध्ययन के बाद डॉ. आनंद कुमार इस नतीजे पर पहुँचे कि भारत को टेस्ट ट्यूब बेबी की सौगात देने वाले पहले वैज्ञानिक डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय ही थे।
❖  डॉ. आनंद कुमार की पहल के चलते आखिरकार डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय को भारत के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी के जन्मदाता का खिताब मिला।
❖  इसी विषय पर वर्ष 1990 में प्रख्यात फिल्म निर्देशक तपन सिन्हा ने ‘एक डॉक्टर की मौत’ नाम से फिल्म बनाई।

Saturday, June 17, 2023

 क्लास 6 जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा 2024- 25


नवोदय विद्यालय समिति ने जवाहर नवोदय विद्यालय चयन  परीक्षा कक्षा 6  सत्र 2024-25 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। वर्तमान में कक्षा 5 में अध्ययनरत छात्र नीचे दिए लिंक पर जाकर आवेदन भर सकते है। 

Students Studying in Class 5 in academic year 2023-24 and completing the session from Govt./Govt. recognized school in the same district , where JNV is functioning and to which candidate is seeking admission.

Studied full academic session in which

 class and passed classes III & IV from

 Govt./ Govt. recognized and born

 between 01.05.2012 to 31.07.2014 (both

 the dayinclusive). 

Opening of Online

18.06.2023

Last date Apply

10.08.2023

Examination Date

04.11.2023 & 20.01.2024

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Note:


1. On Saturday, the 04th November, 2023 at 11.30 A.M. - in the States of Jammu and Kashmir (except Jammu-I, Jammu-II, Samba & Udhampur), Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Sikkim, and in the Districts of Dibang Valley and Tawang of Arunachal Pradesh, in the Districts of Chamba, Kinnaur, Mandi, Sirmour, Kullu, Lahaul & Spiti and Shimla of Himachal Pradesh, in the District of Darjeeling of West Bengal, and Leh & Kargil districts of UT Ladakh . 

2. On Saturday, 20th January, 2024 at 11.30 A.M. in the State of Andhra Pradesh, Assam, Arunachal Pradesh (except Dibang Valley & Tawang Districts), Bihar, Chhattisgarh, Goa, Gujarat, Haryana, Himachal Pradesh (except Chamba, Kinnaur, Mandi, Sirmour, Kullu, Lahaul & Spiti and Shimla Districts), Jammu & Kashmir (only for Jammu-I, Jammu-II, Samba & Udhampur) Jharkhand, Kerala, Karnataka, Madhya Pradesh, Maharashtra, Manipur, Orissa, Punjab, Rajasthan, Tripura, Telangana, Uttar Pradesh, Uttarakhand & West Bengal (except Darjeeling), Union Territories of Andaman & Nicobar Islands, Chandigarh, Dadar & Nagar Haveli, Daman & Diu, Delhi, Lakshadweep and Pudducherry.

Friday, June 16, 2023

 सी. एस. वेंकटाचारी

● वेंकटाचारी का जन्म 11 जुलाई, 1899 को कोलार (कर्नाटक) में हुआ।
● वेंकटाचारी की शिक्षा महाराजा सेंट्रल कॉलेज, बैंगलौर (बेंगलुरू) में हुई।
● उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से वर्ष 1920 में रसायन विज्ञान में स्नातक किया।
● वर्ष 1922 में वे भारतीय सिविल सेवा में शामिल हुए।
● वेंकटाचारी को वर्ष 1941 के बर्थडे ऑनर्स में ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (OBE) का अधिकारी नियुक्त किया गया।
● स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1947 में वे भारत की संविधान सभा के लिए चुने गए।
● हीरालाल शास्त्री के इस्तीफे के बाद उन्होंने 6 जनवरी, 1951 से 25 अप्रैल, 1951 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद संभाला।
● वर्ष 1951 में वेंकटाचारी भारत सरकार के राज्य मंत्रालय के सचिव बने।
● वर्ष 1955 में उन्हें भारत के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का सचिव नियुक्त किया गया।
● अगस्त, 1958 में वेंकटाचारी को कनाडा में भारत का उच्चायुक्त नियुक्त किया गया।
● 16 जून, 1999 को उनका निधन हो गया।

 चित्तरंजन दास

एनेछिले साथे करे मृत्युहीन प्रान।
मरने ताहाय तुमी करे गेले दान।।
● चित्तरंजन दास का जन्‍म 5 नवंबर, 1870 को कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) में हुआ था।
● उनके पिता भुबन मोहन दास कोलकाता उच्‍च न्‍यायालय में एक जाने माने वकील थे।
● ब्रह्म समाज के एक कट्टर समर्थक देशबंधु अपनी तीक्ष्‍ण बुद्ध‍ि और पत्रकारीय दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। चित्तरंजन दास कोलकाता उच्च न्यायालय के विख्यात वक़ील थे, जिन्होंने अलीपुर बम केस में अरविन्द घोष की पैरवी की थी।
● चित्तरंजन दास ने अपनी चलती हुई वकालत छोड़कर गाँधीजी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया और पूर्णतया राजनीति में आ गए।
● उन्होंने विलासी जीवन व्यतीत करना छोड़ दिया और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सिद्धान्तों का प्रचार करते हुए सारे देश का भ्रमण किया।
● वे कोलकाता के नगर प्रमुख निर्वाचित हुए। उनके साथ सुभाषचन्द्र बोस कोलकाता निगम के मुख्य कार्याधिकारी नियुक्त हुए।
● चित्तरंजन दास वर्ष 1922 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त हुए थे।
● उन्होंने मोतीलाल नेहरू और एन. सी. केलकर के सहयोग से 'स्वराज्य पार्टी' की स्थापना की, जिसका उद्देश्य था कि विधानमंडलों में प्रवेश किया जाए और आयरलैण्ड के देशभक्त श्री पार्नेल की कार्यनीति अपनाते हुए वर्ष 1919 के भारतीय शासन विधान में सुधार करने अथवा उसे नष्ट करने का प्रयत्न किया जाए।
● चित्तरंजन दास का 16 जून, 1925 को उनका निधन हो गया।

Thursday, June 15, 2023

 प्रफुल्लचन्द्र नटवरलाल भगवती (पी.एन. भगवती)

★ पी. एन. भगवती का जन्म  21 दिसम्बर, 1921 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ।
★ जस्टिस पी. एन. भगवती का निधन 15 जून, 2017 को नई दिल्ली में हुआ। 
★ पी. एन. भगवती जनहित याचिका के समर्थकों में से एक थे।
★ भारत में चलित न्यायालय (मोबाइल कोर्ट) इन्हीं की देन है।
★ इन्हें जुलाई, 1973 में उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
★ जस्टिस पी. एन. भगवती 12 जुलाई, 1985 से 20 दिसम्बर, 1986 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे।
★ इन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी थी।
★ इन्होंने गुजरात में मुफ्त कानूनी सहायता और सलाह की पायलट परियोजना चलाने के लिए राज्य कानूनी सहायता समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
जनहित याचिका/लोकहितवाद
(1) लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा हेतु उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय द्वारा याचिका स्वीकार करना जनहित याचिका या लोकहित वाद कहलाता है।
(2) लोकहित वाद जैसा शब्द संविधान में उल्लिखित नहीं है। यह अवधारणा अमेरिका से ली गई है।
★  पी. एन. भगवती भारत के 17वें मुख्य न्यायाधीश थे। इन्हें भारत में ‘लोकहित वाद का जनक’ कहा जाता है।
नोट – लोकहित वाद के सन्दर्भ में वी. आर. कृष्णन अय्यर का भी महत्त्वपूर्ण योगदान है। वे उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश थे। वे एकमात्र व्यक्ति हैं, जो व्यवस्थापिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका तीनों के सदस्य रह चुके हैं।
नोट – बेगम हुश्न आरा खातून बनाम बिहार राज्य (1978) के मामले से भारत में P.I.L. की शुरुआत मानी जाती है। इस मामले में अधिवक्ता कपिला हिंगोरानी थी, जिन्हें भारत में ‘लोकहित की जननी’ कहा जाता है। 
नोट – S. P. गुप्ता बनाम भारत संघ (1982) के मामले में लोकहित वाद (PIL) को भारतीय सन्दर्भ में परिभाषित किया गया।

Monday, June 12, 2023

 विश्व बाल श्रम निषेध दिवस

❖ सम्पूर्ण विश्व में बाल श्रम की क्रूरता को समाप्त करने के लिए प्रतिवर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है।
❖ विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय संगठन द्वारा वर्ष 2002 में की गई थी।
❖ इसका मुख्य उद्देश्य बाल श्रम की वैश्विक सीमा पर ध्यान केंद्रित करना और बाल श्रम को पूरी तरह से खत्म करने के लिए आवश्यक प्रयास करना है।
❖ अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार सम्पूर्ण विश्व में बाल श्रम में शामिल 152 मिलियन बच्चों में से 73 मिलियन बच्चे खतरनाक काम करते हैं।
❖ खतरनाक श्रम में मैनुअल सफाई, निर्माण, कृषि, खदानों, कारखानों तथा फेरी वाला एवं घरेलू सहायक इत्यादि के रूप में काम करना शामिल है।
❖ संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्राप्त आँकड़ों के अनुसार, 541 मिलियन युवा श्रमिकों (15 से 24 वर्ष) में 37 मिलियन बच्चे हैं जो खतरनाक बाल श्रम का काम करते हैं।
❖ बाल श्रम आमतौर पर मज़दूरी के भुगतान के बिना या भुगतान के साथ बच्चों से शारीरिक कार्य कराना है। बाल श्रम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, यह एक वैश्विक घटना है।
❖ बच्चे अपनी उम्र के अनुरूप कठिन काम जिन कारणों से करते हैं, उनमें आमतौर पर गरीबी पहला कारण है।
❖ इसके अलावा, जनसंख्या विस्फोट, सस्ता श्रम, उपलब्ध कानूनों का लागू नहीं होना, बच्चों को स्कूल भेजने के प्रति अनिच्छुक माता-पिता (वे अपने बच्चों को स्कूल की बजाय काम पर भेजने के इच्छुक होते हैं, ताकि परिवार की आय बढ़ सके) जैसे अन्य कारण भी हैं।
❖ भारत में आदिकाल से ही बच्चों को ईश्वर का रूप माना जाता रहा है। लेकिन वर्तमान परिदृश्य इस सोच से काफी भिन्न है। बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। गरीब बच्चे स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने की उम्र में मज़दूरी कर रहे हैं।
❖ पिछले कुछ वर्षों से भारत सरकार एवं राज्य सरकारों की पहल इस दिशा में सराहनीय है। उनके द्वारा बच्चों के उत्थान के लिए अनेक योजनाओं को प्रारंभ किया गया है, जिससे बच्चों के जीवन व उनकी शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव दिखे।
❖ संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप भारत का संविधान मौलिक अधिकारों और राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धातों की विभिन्न धाराओं के माध्यम से बल श्रम को निषेध करता है। 
❖ भारत में बाल श्रम एक ऐसा विषय है, जिस पर संघीय व राज्य सरकारें, दोनों कानून बना सकती हैं।
❖ बाल श्रम (निषेध व नियमन) कानून 1986- यह कानून 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी अवैध पेशे और 57 प्रक्रियाओं में, जिन्हें बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य के लिए अहितकर माना गया है, नियोजन को निषिद्ध बनाता है। इन पेशों और प्रक्रियाओं का उल्लेख कानून की अनुसूची में है।
❖ भारत में बाल श्रम के खिलाफ कार्रवाई में महत्त्वपूर्ण न्यायिक हस्तक्षेप वर्ष 1996 में उच्चतम न्यायालय के उस फैसले से आया, जिसमें संघीय और राज्य सरकारों को खतरनाक प्रक्रियाओं और पेशों में काम करने वाले बच्चों की पहचान करने, उन्हें काम से हटाने और गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया गया था।
❖ न्यायालय ने यह आदेश भी दिया था कि एक बाल श्रम पुनर्वास सह-कल्याण कोष की स्थापना की जाए, जिसमें बाल श्रम कानून का उल्लंघन करने वाले नियोक्ताओं के अंशदान का उपयोग हो।

Friday, June 9, 2023

 बिरसा मुंडा

▪️ 'धरती आबा' या ‘जगत पिता’ के नाम से प्रसिद्ध बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को राँची जिले के उलिहतु गाँव में हुआ था। वे छोटा नागपुर पठार क्षेत्र की मुंडा जनजाति के थे।
▪️ मुंडा रीति-रिवाज के अनुसार उनका नाम बृहस्पतिवार के हिसाब से बिरसा रखा गया था।
▪️ उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सलगा में अपने शिक्षक जयपाल नागो के मार्गदर्शन में प्राप्त की।
▪️ वर्ष 1899-1900 में बिरसा मुंडा के नेतृत्व में हुआ मुंडा विद्रोह छोटा नागपुर (झारखंड) के क्षेत्र में सर्वाधिक चर्चित विद्रोह था। इसे ‘मुंडा उलगुलान’ (विद्रोह) भी कहा जाता है।
▪️ इस विरोध में महिलाओं की उल्लेखनीय भूमिका रही और इसकी शुरुआत मुंडा जनजाति की पारंपरिक व्यवस्था खूँटकटी की ज़मींदारी व्यवस्था में परिवर्तन के कारण हुई थी।
▪️ उन्होंने धर्म को राजनीति से जोड़ दिया और एक राजनीतिक-सैन्य संगठन बनाने के उद्देश्य से प्रचार करते हुए गाँवों की यात्रा की।
▪️ बिरसा मुंडा ने आदिवासी समुदाय को लामबंद किया और औपनिवेशिक अधिकारियों को आदिवासियों के भूमि अधिकारों की रक्षा हेतु कानून बनाने के लिए मज़बूर किया।
▪️ उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप ‘छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम’ पारित किया गया, जिसने आदिवासी से गैर-आदिवासियों में भूमि के हस्तांतरण को प्रतिबंधित कर दिया।
▪️ 3 मार्च, 1900 को बिरसा मुंडा को ब्रिटिश पुलिस ने चक्रधरपुर के जामकोपई जंगल में उनकी आदिवासी छापामार सेना के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
▪️ 9 जून, 1900 को राँची जेल में उनका निधन हो गया।

 अंतर्राष्ट्रीय अभिलेख दिवस

▪️ प्रतिवर्ष 9 जून को अभिलेखों और अभिलेखागार के महत्त्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने, सुशासन और विकास के लिए रिकॉर्ड प्रबंधन के लाभों के बारे में वरिष्ठ निर्णयकर्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने, दीर्घकालिक अभिलेखीय संरक्षण और पहुँच की आवश्यकता के बारे में सार्वजनिक, निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों की समझ में सुधार एवं अभिलेखीय संस्थानों में संरक्षित अद्वितीय, असाधारण और दुर्लभ दस्तावेजों का प्रदर्शन और विश्व स्तर पर उनकी दृश्यता बढ़ाने के लिए अभिलेखों और अभिलेखागार की छवि को आगे बढ़ाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय अभिलेख दिवस का आयोजन किया जाता है।
▪️ वर्ष 2005 में, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने  पेरिस, फ्रांस में आयोजित यूनेस्को सामान्य सम्मेलन के 33वें सत्र के दौरान 27 अक्टूबर को ऑडियो-विज़ुअल हेरिटेज (WDAH) के लिए विश्व दिवस के रूप में घोषित किया।
▪️ WDAH हमारी साझा विरासत और स्मृति के प्रतिनिधित्व के रूप में तत्काल उपाय करने और ऑडियो-विजुअल दस्तावेजों के महत्त्व को स्वीकार करने की आवश्यकता के बारे में व्यापक जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर बनाता है।
▪️ ऑडियो-विजुअल दस्तावेज हमारी दस्तावेजी विरासत का केवल एक हिस्सा है जो अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करते हैं।
▪️ कालांतर में वर्ष 2007 की आईसीए वार्षिक आम बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 9 जून को अंतर्राष्ट्रीय अभिलेखागार दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
▪️ भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एक संबद्ध कार्यालय है।
▪️ इसकी स्‍थापना 11 मार्च, 1891 को कोलकाता (कलकत्ता) में इंपीरियल रिकॉर्ड विभाग के रूप में की गई थी।
▪️ वर्ष 1911 में राजधानी के कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरण के बाद भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के इस वर्तमान भवन का निर्माण वर्ष 1926 में किया गया था।
▪️ इसे सर एडविन लुटियन द्वारा डिज़ाइन किया गया था। कलकत्ता से नई दिल्ली में सभी अभिलेखों के हस्तांतरण का कार्य वर्ष 1937 में पूरा हुआ।
▪️ यह सार्वजनिक रिकॉर्ड अधिनियम, 1993 (Public Records Act, 1993) और सार्वजनिक रिकॉर्ड नियमावली, 1997 (Public Record Rules, 1997) के कार्यांवयन के लिए एक नोडल एजेंसी है।

 विश्व महासागर दिवस

❖ प्रतिवर्ष 8 जून को सम्पूर्ण विश्व में महासागरों के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए विश्व महासागर दिवस (World Ocean Day) का आयोजन किया जाता है।
❖ विश्व महासागर दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव वर्ष 1992 में रियो डी जेनेरियो में आयोजित 'पृथ्वी ग्रह' नामक फोरम में लाया गया था।
❖ इसी दिन विश्व महासागर दिवस को हमेशा मनाए जाने की घोषणा भी की गई थी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ ने इससे संबंधित प्रस्ताव को वर्ष 2008 में पारित किया था और इस दिन को आधिकारिक मान्यता प्रदान की थी।
❖ पहली बार विश्व महासागर दिवस 8 जून, 2009 को मनाया गया था।
❖ वर्ष 2023 के लिए इस दिवस की थीम : ‘ग्रह महासागर: ज्वार बदल रहे हैं’ (Planet Ocean: tides are changing) है।
❖ इसका उद्देश्य केवल महासागरों के प्रति जागरूकता फैलाना ही नहीं, बल्कि दुनिया को महासागरों के महत्त्व और भविष्य में इनके सामने खड़ी चुनौतियों से भी अवगत करवाना है।
❖ इस दिन कई महासागरीय पहलुओं; जैसे- सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग, पारिस्थितिक संतुलन, खाद्य सुरक्षा, जैव-विविधता तथा जलवायु परिवर्तन आदि पर भी प्रकाश डाला जाता है।

 विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस

❖ प्रतिवर्ष 8 जून को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को शिक्षित करने के लिए सम्पूर्ण विश्व में विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है।
❖ इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम जनमानस को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूक बनाना और उन्हें इस संबंध में शिक्षित करना है।
❖ विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस के लिए वर्ष 2023 की थीम ‘Uniting for Hope: Empowering Brain Tumor Patients’ है।
❖ विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस का आयोजन पहली बार वर्ष 2000 में लीपज़िग (जर्मनी) स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन ‘जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन’ द्वारा किया गया था।
❖ इस दिवस को दुनिया भर में ब्रेन ट्यूमर के रोगियों और उनके प्रियजनों के प्रति सम्मान प्रकट करने हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में घोषित किया गया था।
❖ ब्रेन ट्यूमर का आशय मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि से है।
❖ ब्रेन ट्यूमर के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं- कैंसरयुक्त ट्यूमर और गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर। इसमें कैंसरयुक्त ट्यूमर अधिक घातक होता है।
❖ ब्रेन ट्यूमर एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन यह पूरी तरह से इलाज योग्य है। ब्रेन ट्यूमर के कुछ सामान्य उपचारों में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, एंटी-सीज़र दवा, स्टेरॉयड उपचार आदि शामिल हैं।
❖ 20 से 40 उम्र के लोगों को ज़्यादातर नॉन कैंसर और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कैंसर वाले ट्यूमर होने की संभावना बनी रहती है। नॉन कैंसर ट्यूमर के बढ़ने की स्पीड, कैंसर वाले ट्यूमर की तुलना में धीमी होती है।

Monday, June 5, 2023

 विश्व पर्यावरण दिवस

❖  प्रतिवर्ष 5 जून को पर्यावरण की रक्षा हेतु सम्पूर्ण विश्व में जागरूकता और कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है।
❖  इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1972 में खराब पर्यावरणीय परिस्थितियों और उसके बढ़ते दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए की गई थी।
❖  वर्तमान में यह प्रदूषण की समस्या पर चर्चा करने के लिए एक वैश्विक मंच बन गया है तथा 100 से अधिक देशों में इसका आयोजन किया जाता है।
❖  वर्ष 2023 के लिए पर्यावरण दिवस की थीम " Solutions to Plastic Pollution" है तथा इसका वैश्विक मेज़बान कोत दिव्वार (आईवरी कोस्ट) है।
❖  वर्ष 2018 में भारत ने ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ (Beat Plastic Pollution) थीम के साथ विश्व पर्यावरण दिवस के अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम की मेज़बानी की थी।
❖  वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 [Air (Prevention and Control of Pollution) Act, 1981] ‘वायु प्रदूषक’ को वातावरण में मौजूद किसी भी ठोस, तरल या गैसीय पदार्थ के रूप में परिभाषित करता है, जो मनुष्य या अन्य जीवित प्राणियों या पौधों या संपत्ति या वातावरण के लिए हानिकारक हो सकता है।
❖  वायु प्रदूषण हार्ट अटैक अथवा हृदयघात के कारण होनी वाली मौतों में से एक चौथाई मौतों तथा स्ट्रोक, श्वसन संबंधी बीमारियों, फेफड़ों के कैंसर के कारण होने वाली कुल मौतों में से एक तिहाई के लिए ज़िम्मेदार है।
❖  दुनिया भर में लगभग 92 प्रतिशत लोग दूषित हवा में सांस लेने को विवश है। वायु प्रदूषण के कारण हर साल स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर 5 ट्रिलियन डॉलर का बोझ पड़ता है।
❖  सतही ओज़ोन प्रदूषण (Ground-level ozone pollution) के कारण वर्ष 2030 तक फसलों की पैदावार लगभग 26 प्रतिशत तक कम होने की आशंका है।
❖  भारत ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme-NCAP) का प्रारूप तैयार कर इसे लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क को बढ़ाने के अलावा वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन करना है।
❖  वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 में शीर्ष स्तर पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board- CPCB) की स्थापना और राज्य स्तर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State Pollution Control Boards-SPCB) को वायु गुणवत्ता में सुधार नियंत्रण एवं वायु प्रदूषण के उन्मूलन से संबंधित किसी भी मामले पर सरकार को सलाह देने का प्रावधान किया गया है।
❖  CPCB वायु की गुणवत्ता के लिए मानक भी तय करता है तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करता है।

Saturday, June 3, 2023

Difference between CC and BCC when sending an e-mail?

What is the difference between CC and BCC when sending an e-mail?


In the current era, Email is one of the best and most preferred modes of communication for both small and large organizations. The term Cc (Carbon Copy) and Bcc (Blind Carbon Copy) are used in the Email to securely send and receive the information via Email.

Cc stands for Carbon Copy. It is used in the Email to send the carbon copies of the Email to the recipients. In Cc, all recipients are able to see a list of all other recipients.

 ◦ Cc is used when we want to send an Email to someone without addressing them personally.

 ◦ Cc is used for group communication.

 ◦ It keeps all management and employees in the loop even if an Email doesn't concern them directly.

 ◦ Cc is used when we want to receive the responses from the associated email recipients.

 ◦ Cc is used when we want to inform other recipients about the email.


Bcc stands for Blind Carbon Copy, which is similar to Cc. It is also used to send the carbon copies of email to the multiple recipients without seeing a list of recipients.

 ◦ Bcc is used when we want to send email to many recipients at the same time.

 ◦ Bcc is used when we do not want that recipient to see other recipient's email addresses.

 ◦ Bcc is used in large businesses.

 ◦ Bcc mainly used for sharing company newsletters by keeping your email address private.

 ◦ Bcc is used to protect recipient's privacy, when we want to send Emails to unknown recipients.

 ◦ Bcc is used for sending impersonal emails that do not warrant responses.

 वी. वी. सुब्रह्मण्यम अय्यर

▪️क्रांतिकारी राष्ट्रभक्त वराहनेरी वेंकटेश सुब्रह्मण्यम अय्यर का जन्म 2 अप्रैल, 1881 को मद्रास प्रदेश के तिरुचिरापल्ली जिले में हुआ था।
▪️वह स्वतंत्रता सेनानियों के एक चरमपंथी समूह से संबंधित थे।
▪️कालांतर में अय्यर बैरिस्टर ऑफ़ लॉ की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए जहाँ उनकी मुलाकात वीर सावरकर से हुई।
▪️वीवीएस अय्यर ने सावरकर को भारत के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब, महाराष्ट्र, बंगाल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने में मदद की।
▪️उन्होंने ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस – 1857’ (मराठी में सावरकर द्वारा लिखित) पुस्तक के अंग्रेजी में अनुवाद का पर्यवेक्षण किया और इसे गुप्त रूप से भारत में प्रसारित किया।
▪️इसका तमिल में अनुवाद भी किया गया था और पांडिचेरी में सुब्रह्मण्यम बाराठी द्वारा संचालित 'इंडिया' पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
▪️हालाँकि उन्होंने लंदन में बैरिस्टर ऑफ लॉ की परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन उन्होंने डिग्री लेने से इनकार कर दिया।
▪️भारत लौटने के बाद वे भारती और मंडयम श्रीनिवासचारी जैसे अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ पांडिचेरी में बस गए।
▪️वर्ष 1917 में गाँधी की पांडिचेरी यात्रा के दौरान, वीवीएस अय्यर उनसे मिले और अहिंसा के अनुयायी बन गए।
▪️वी. वी. सुब्रह्मण्यम अय्यर वर्ष 1920 तक पांडिचेरी में रहे और यहाँ उनकी मुलाकात महर्षि अरविंद से हुई।
▪️पांडिचेरी से मद्रास आने के बाद उन पर राजद्रोह का मुकदमा चला और सजा हुई।
▪️वे बाल गंगाधर तिलक के अनुयायी तथा तमिल पत्रिका 'देसबक्थन' के संपादक थे।
▪️उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण फ्रांसीसी अधिकारियों ने भी एक बार उन्हें पांडिचेरी से देश निकाला देकर अलजीयर्स पहुँचा दिया था।
▪️वराहनेरी वेंकटेश सुब्रह्मण्यम अय्यर का 3 जून, 1925 को निधन हो गया।

Friday, June 2, 2023

INSPIRE Awards-MANAK

 INSPIRE Awards-MANAK

The aim of this scheme is to target one million original ideas/innovations rooted in science and societal applications to foster a culture of creativity and innovative thinking among school children.

Under this scheme, schools can nominate 5 best original ideas/innovations of students through this website till 31st August, 2023.

About INSPIRE Awards-MANAK

The INSPIRE Awards – MANAK (Million Minds Augmenting National Aspiration and Knowledge) is executed by Department of Science & Technology (DST), Government of India and National Innovation Foundation-India (NIF) and is aligned with the action plan for “Start-up India” initiative launched by the Hon’ble Prime Minister of India. The scheme aims to help build a critical human resource pool for strengthening, expanding science and technology system, and increasing the research & development base on the same by inviting students (class 6 to 10) from all government and private schools throughout the country and enabling them to send their original & creative technological ideas/innovations on the same

objective of INSPIRE Awards-MANAK

  1. To motivate students at early age and studying in classes 6 to 10.    
  2. To attract talent, have them exposed to science at an early age and foster a culture of creative and innovative thinking among school children to address the societal need through Science and Technology.    
  3. To help towards building a critical human resource pool for strengthening and expanding the science and technology system and increase the research and development base.

Scheme being operationalised

  1. Awareness and capacity building of District, State and School level functionaries across the country through regional workshops, audio-visual tools and literature.
  2. Organising internal idea competitions in schools and nominations of 2 – 3 best original ideas, in any Indian language, by the respective Principal/Headmaster online through E-MIAS portal. The schools should register themselves on E-MIAS portal. Shortlisting of top 1,00,000 ideas, with potential to address societal needs through Science & Technology by NIF.
  3. Disbursement of INSPIRE Award of INR 10,000 into the bank accounts of short-listed students through Direct Benefit Transfer scheme.
  4. Organisation of District Level Exhibition and Project Competition by District/State authorities and shortlisting of 10,000 best ideas/innovations for State Level Exhibition and Project Competitions.
  5. Organisation of State Level Exhibition & Project Competition for further shortlisting of top 1,000 ideas/innovations for the National Level Exhibition and Project Competition. At this stage, NIF will provide mentoring support to students.
  6. Showcasing 1,000 best ideas/innovations at the National Level Exhibition & Project Competition. Consideration of top 60 ideas/innovations by NIF for product/process development and their linkage with other schemes of NIF/DST and their display at the Annual Festival of Innovation & Entrepreneurship.

Who can participate?

Individual students (not groups) of class 6 to 10 from all recognized schools, government or private, aided or unaided, from any National or State Education Board, may submit their original and innovative ideas in any one of the 22 languages from the 8th schedule of constitution to their school.

Process of idea/innovation submission

The Authority of the school will call for submission of ideas in the form of synopsis from the students of the designated classes and age groups. For this purpose, an Idea Competition can also be conducted in Schools.

Award Announcement

Processing of the nominations and disbursements of funds in August.

Organisations of DLEPC in September

Organisations of SLEPC in October

Organisations of NLEPC 1ST Week of December

Display of top 60 ideas/innovations at the Festival of Innovation & Entrepreneurship (FINE) in next year March month

Award Money Distribution

Through Direct Benefit Transfer (DBT) scheme in student’s bank accounts. Hence name of student and name in bank account should be properly matched. If student does not have a bank account, a new individual account or a joint account with one of the parent may be opened. This may be done before the submission of nomination details so that correct details are entered in the nomination form.

Guidelines for Selection Procedure

The student idea/innovation nominated by the school authorities through the E-MIAS portal and those selected at District/ State/ National level are evaluated independently by jury members based on pre-defined criteria of evaluation viz. Degree of Novelty, Solving Existing Problem, Social Applicability, Cost-Effectiveness/ Scope of Diffusion, Relevance in Current Govt. Schemes. The average of the individual markings of jury members is used to calculate the final score of idea/innovation, based on which the decision to shortlist the idea/innovation (or not) for the next level is taken. Re-evaluation Policy The decision of the independent expert jury members, at all levels of the evaluation process, is final and binding. No communication about the re-evaluation/re-checking of results will be entertained by District/ State/ National Authorities.

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​​Why there is no wind on Equator?

 ​​Why there is no wind on Equator?




There can be periods of no wind. It’s called the doldrums or Inter-Tropical Convergence Zone.

“The doldrums is a colloquial expression derived from historical maritime usage, which refers to those parts of the Atlantic Ocean and the Pacific Ocean affected by a low-pressure area around the equator where the prevailing winds are calm. The doldrums are also noted for calm periods when the winds disappear altogether, trapping sailing ships for periods of days or weeks.”

What happens is that, at the equator, the hot air rises straight up. “Because the air circulates in an upward direction, there is often little surface wind in the ITCZ. That is why sailors well know that the area can becalm sailing ships for weeks. And that’s why they call it the doldrums.”

​​​​How Do Antiperspirants Work?

 ​​​​How Do Antiperspirants Work?

 

Antiperspirants are actually a subgroup of deodorants. While deodorants do not impact one’s perspiratory process, antiperspirants actively prevent sweat glands from releasing sweat, in addition to counteracting body odor with their own fragrance. Commercial antiperspirants mostly consist of compounds like aluminium chlorohydrate and aluminum-zirconium tetrachlorohydrex gly as their active ingredients.

These aluminum-based compounds react with the sweat directly; more specifically, they affect the electrolytes present in the sweat to form a gel plug in the duct of the sweat gland. This stops the glands from secreting sweat over the ‘target’ area. These gel plugs are removed naturally over a period of time through skin peeling.

In a nutshell, antiperspirants basically prevent sweat glands from releasing any sweat, which automatically takes care of the smelly underarm problem. Additionally, they contain some sweet-smelling constituents that give a fragrant boost to the body.

​​Why sometimes Water freezes instantly with just a shake?

 ​​Why sometimes Water freezes instantly with just a shake?


The basic idea is this: when water freezes it forms ice, which is a nice regular crystalline structure. However, ice-crystals need a nucleation site, which is a point where the crystal can start to form, before they can actually start to form. In normal situations, water usually has some impurities which can serve as such nucleation sites, around which the crystal starts to grow and ice starts to form.

However, if you use very pure water, there are no such "natural" nucleation points and so there is a chance that the water molecules want to form ice, but can't quite get around to it. As a result, the liquids are trapped in a "metastable" state well below their freezing point, but such a state has a precarious stability that can easily be disturbed. Shaking the bottle is one way to disturb this stability, as it gives a couple of the water molecules the chance to align in just to right way to start the crystallisation process, and once it's done, it is energetically favourable for the system to form ice, so all the other water molecules hop on as well. As a result, you would usually see the crystal "growing" in one direction until all the water becomes ice.

​​Why is Salt used to melt ice on the Roads in Winter?

 ​​Why is Salt used to melt ice on the Roads in Winter?



Ice forms when the­ temperature of water reaches 32 degrees Fahrenheit (0 degrees Celsius), and that includes ice on roadways. Road salt works by lowering the freezing point of water via a process called freezing point depression. The freezing point of the water is lowered once the salt is added, so it the salt makes it more difficult for water to freeze. A 10-percent salt solution freezes at 20 degrees Fahrenheit (-6 Celsius), and a 20-percent solution freezes at 2 degrees Fahrenheit (-16 Celsius).

The key is, there has to be at least a tiny bit of water on the road for freezing point depression to work. That's why you often see trucks pre-treat roads with a brine solution (a mixture of salt and water) when ice and snow is forecast. If the roads are dry and the DOT simply puts down road salt, it likely won't make much of a difference. But pre-treating with a brine solution can help ice from ever forming, and will help reduce the amount of road salt trucks will need to spread to de-ice later.

Thursday, June 1, 2023

 अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस

❖ प्रतिवर्ष 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस का आयोजन किया जाता है। 

❖ इसका उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना है।

❖ सर्वप्रथम वर्ष 1949 में रूस में अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस का आयोजन किया गया था, जिसका निर्णय मॉस्को में अंतर्राष्ट्रीय महिला लोकतांत्रिक संघ की एक विशेष बैठक में लिया गया था। 

❖ 1 जून, 1950 को विश्व के 51 देशों में अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस पहली बार मनाया गया था। 

❖ इस दिन बच्चों को उपहार प्रदान किए जाते हैं तथा उनके लिए विशेष समारोहों का आयोजन किया जाता है।

❖ वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में करीब 43 लाख से ज्यादा बच्चे बाल मजदूरी करते हैं। 

❖ यूनिसेफ के अनुसार विश्व के कुल बाल मजदूरों में 12 फीसदी की हिस्सेदारी अकेले भारत की है। 

❖ सम्पूर्ण विश्व में बाल श्रम की क्रूरता को समाप्त करने के लिए प्रतिवर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है।

                                                        FLASH CARD                                                        SCIENCE CHAPTER 1 ...