फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा
⬧ फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा जिन्हें ‘कीपर’ के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 28 जनवरी, 1900 को मर्करा राज्य (कर्नाटक) में हुआ था।⬧ करियप्पा ने वर्ष 1919 में भारतीय कैडेटों के प्रथम समूह के साथ किंग्स कमीशन आयुक्त का पद प्राप्त किया और 1933 में स्टाफ कॉलेज, क्वेटा में शामिल होने वाले प्रथम भारतीय अधिकारी बने।
⬧ वर्ष 1942 में लेफ्टिनेंट कर्नल के.एम. करियप्पा ने 7वीं राजपूत मशीनगन बटालियन का गठन किया।
⬧ करियप्पा वर्ष 1946 में ब्रिगेडियर के रूप में युनाइटेड किंगडम के इम्पीरियल डिफेंस कॉलेज में शामिल हुए।
⬧ करियप्पा को सेना की पुनर्गठन समिति व सेना उपसमिति के सदस्य के रूप में कार्य करने के लिए यू. के. से भारत वापस बुलाया गया और विभाजन के दौरान भारत और पाकिस्तान की सेना के आवंटन में एक सौहार्दपूर्ण समझौते को सम्भव बनाया।
⬧ 21 नवंबर, 1947 को लेफ्टिनेंट जनरल करियप्पा ने पूर्वी कमांड के कमान अधिकारी के रूप में पदभार संभाला ।
⬧ 20 जनवरी, 1948 को उन्होंने सेना कमांडर के रूप में दिल्ली और पूर्वी पंजाब कमाण्ड (वर्तमान पश्चिमी कमाण्ड) का पदभार संभाला।
⬧ 15 जनवरी, 1949 को जनरल करियप्पा सेना के प्रथम थल सेनाध्यक्ष नियुक्त हुए।
⬧ उन्हें वर्ष 1949 से 1959 तक राजपूत रेजीमेंट का कर्नल नियुक्त किया गया तथा एक अनुभवी सैन्य अधिकारी के रूप में उन्होंने 2/125 नेपियर राइफल्स, 1/ 7 डोगरा और 1/7 राजपूत में अपनी उत्कृष्ट सेवा प्रदान की।
⬧ जनरल के.एम. करियप्पा 14 जनवरी, 1953 को थलसेनाध्यक्ष के पद से मुक्त हो गए।
⬧ 15 मई, 1993 को फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा का निधन हो गया।
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