संगीत नाटक अकादमी
⬧ संगीत नाटक अकादमी प्रदर्शन-कला के क्षेत्र में देश की शीर्षस्थ संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 1953 में हुई थी।⬧ अकादमी की स्थापना का उद्देश्य संगीत नृत्य और नाट्य रूपों में अभिव्यक्त भारत की विविध संस्कृति की विशाल अमूर्त विरासत का संरक्षण और संवर्द्धन था।
⬧ अकादमी का प्रबंधन इसकी महापरिषद् द्वारा किया जाता है।
⬧ अकादमी के अध्यक्ष की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा पाँच साल की अवधि के लिए की जाती है। अकादमी के कार्यों का निर्धारण अकादमी के संगम ज्ञापन में किया गया है जिसे सितंबर, 1961 को एक सोसायटी के रूप में इसके पंजीकरण के समय अंगीकृत किया गया था।
⬧ अकादमी का पंजीकृत कार्यालय रवींद्र भवन फिरोजशाह रोड नई दिल्ली है। संगीत नाटक अकादमी वस्तुतः संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की एक स्वायत्त संस्था है।
⬧ संगीत नाटक अकादमी की तीन घटक इकाइयाँ हैं, जिनमें से दो नृत्य-शिक्षण संस्थान हैं: इंफाल में जवाहरलाल नेहरू मणिपुर नृत्य अकादमी (जेएनएमडीए) और दिल्ली में कत्थक केन्द्र।
⬧ जवाहरलाल नेहरू मणिपुर नृत्य अकादमी की स्थापना भारत सरकार द्वारा अप्रैल 1954 में की गई थी और तब इसका नाम मणिपुर डांस कॉलेज हुआ करता था। अपनी स्थापना काल से ही यह संगीत नाटक अकादमी द्वारा वित्तपोषित था, वर्ष 1957 में यह अकादमी की एक घटक इकाई बन गई।
⬧ कत्थक केन्द्र, कत्थक नृत्य के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से एक है। यह दिल्ली में स्थित है और यहाँ कत्थक नृत्य और गायन संगीत के साथ ही पखवाज वादन में विभिन्न स्तरों पर पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाता है। तीसरी घटक इकाई रवीन्द्र रंगशाला है।
⬧ घटक इकाइयों के अतिरिक्त, वर्तमान में अकादमी के पाँच केन्द्र हैं:
1. केरल के सदियों पुराने संस्कृत रंगमंच कूटियाट्टम के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए कूटियाट्टम केन्द्र, तिरुवनंतपुरम।
2. असम की सत्रिय परम्पराओं को बढ़ावा देने के लिए सत्रिय केन्द्र, गुवाहाटी।
3. पूर्वोत्तर भारत की पारम्परिक और लोक प्रदर्शन कला परम्पराओं के संरक्षण के लिए पूर्वोत्तर केन्द्र, गुवाहाटी।
4. पूर्वोत्तर में उत्सवों और क्षेत्र प्रलेखन के लिए पूर्वोत्तर प्रलेखन केन्द्र, अगरतला।
5. पूर्वी भारत में छऊ नृत्य के संवर्द्धन के लिए छऊ केन्द्र, चंदनकियारी।
⬧ प्रदर्शन कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कलाकारों के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार दिया जाता है।
⬧ अकादमी संगीत, नृत्य और नाटक के प्रख्यात कलाकारों और विद्वानों को रत्न सदस्यता भी प्रदान करती है।
⬧वर्ष 2006 में युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ युवा पुरस्कार की स्थापना की गई थी जो प्रतिवर्ष विभिन्न कला-क्षेत्रों के प्रतिभाशाली युवा कलाकारों को दिया जाता है।
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