Sunday, April 20, 2025

 बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर


• बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू छावनी, मध्य प्रदेश में हुआ था।
• डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के पिता सूबेदार रामजी मालोजी सकपाल थे। वह ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे। बाबासाहेब के पिता संत कबीर के अनुयायी थे और वे बेहद सुविज्ञ भी थे।
• डॉ. अंबेडकर एक समाज सुधारक, न्यायविद्, अर्थशास्त्री, लेखक, बहुभाषाविद्, विद्वान और विभिन्न धर्मों के विचारक थे।
• 15 अगस्त, 1936 को उन्होंने दलित वर्गों के हितों की रक्षा के लिए स्वतंत्र लेबर पार्टी का गठन किया, जिसमें ज्यादातर श्रमिक वर्ग के लोग शामिल थे।
• वर्ष 1942 में उन्हें भारत के गवर्नर जनरल की कार्यकारी परिषद में लेबर सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। वर्ष 1946 में वे  बंगाल से संविधान सभा के लिए चुने गए। उसी समय उन्होंने अपनी पुस्तक “हू वर शूद्र?” प्रकाशित की।
• आजादी के बाद वर्ष 1947 में उन्हें देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू की पहली कैबिनेट में विधि एवं न्याय मंत्री नियुक्त किया गया, लेकिन वर्ष 1951 में कश्मीर मुद्दे, भारत की विदेश नीति और हिंदू कोड बिल के बारे में प्रधानमंत्री नेहरू की नीति से मतभेद व्यक्त करते हुए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
• डॉ. अंबेडकर संविधान निर्माण की मसौदा (प्रारूप) समिति के अध्यक्ष थे।
• उन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया।
• वर्ष 1932 में डॉ. अंबेडकर ने महात्मा गाँधी के साथ 'पूना समझौते' पर हस्ताक्षर किए, जिससे उन्होंने दलित वर्गों (सांप्रदायिक पंचाट) हेतु पृथक् निर्वाचन मंडल की माँग के विचार को त्याग दिया।
• वर्ष 1952 में कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने भारत के संविधान का प्रारूप तैयार करने में उनके द्वारा दिए गए योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए उन्‍हें एल.एल.डी. की उपाधि प्रदान की। वर्ष 1955 में उन्होंने थॉट्स ऑन लिंग्विस्टिक स्टेट्स नामक पुस्तक प्रकाशित की।
• वर्ष 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था।
• 14 अक्टूबर, 1956 को नागपुर में एक ऐतिहासिक समारोह में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया और 6 दिसंबर,1956 को उनकी मृत्यु हो गई।

Thursday, April 10, 2025

महावीर जयंती विशेष

 महावीर स्वामी

• जैन धर्म के वास्तविक संस्थापक महावीर स्वामी थे।

• जन्म -वैशाली के निकट कुंडग्राम में हुआ।

• पिता- सिद्धार्थ (ज्ञातृक कुल के मुखिया थे)

• माता- त्रिशला( लिच्छवी गणराज्य प्रमुख चेटक की बहन थी) 

• बचपन का नाम- वर्द्धमान 

• पत्नी - यशोदा 

• पुत्री - प्रियदर्शना 

• महावीर ने 30 वर्ष की अवस्था में बड़े भाई नंदिवर्द्धन की आज्ञा लेकर गृह त्याग कर दिया।

• 12 वर्ष की कठोर तपस्या के पश्चात् जृम्भिक ग्राम (साल वृक्ष के नीचे) के समीप ऋजुपालिका नदी के तट पर वर्द्धमान को कैवल्य प्राप्त हुआ।

• कैवल्य प्राप्त होने के पश्चात् ये केवलिन, इन्द्रियों को जीत लेने के कारण जितेन्द्रिय तथा अतुल पराक्रम दिखाने के कारण ये महावीर कहलाए।

• 72 वर्ष की उम्र में राजगृह के निकट पावापुरी (मल्ल राज्य) में 468 ई. पू. में निर्वाण प्राप्त किया। 

• महावीर की मृत्यु के बाद केवल एक गणधर सुधर्मन जीवित बचा, जो जैन संघ का उनके बाद प्रथम अध्यक्ष बना।

• जैन मठों को दक्षिण भारत में बसादि के नाम से जाना गया है।

• जैन धर्म की शिक्षाएँ :-

• जैन साहित्य प्राकृत (अर्द्धमागधी) भाषा में लिखा गया। 

• जैन साहित्य को आगम कहा जाता है जिसमें 12 अंग, 12 उपांग, प्रकीर्ण, छन्दसूत्र आदि सम्मिलित हैं।

• पार्श्वनाथ ने भिक्षुओं के लिए चार व्रतों का विधान किया था, अहिंसा, सत्य, अस्तेय तथा अपरिग्रह।

• महावीर स्वामी ने ब्रह्मचर्य को जोड़कर पंचमहाव्रत धर्म का प्रतिपादन किया।

• सृष्टिकर्ता के रूप में ईश्वर को नहीं मानना। (अनीश्वरवादी)

• देवताओं के अस्तित्व को स्वीकार किया है परन्तु इनका स्थान 'जिन' से नीचे है।

• जैन धर्म कर्मवादी है तथा इसमें पुनर्जन्म की मान्यता है।

• त्रिरत्न:

• सम्यक् दर्शन - सत में विश्वास।

• सम्यक् ज्ञान - वास्तविक ज्ञान।

• सम्यक् आचरण - सांसारिक विषयों में उत्पन्न सुख -दु:ख के प्रति समभाव।

• निर्वाण : आत्मा को कर्मों के बंधन से छुटकारा दिलाना 'निर्वाण' कहा गया है।

• अनन्त चतुष्टय की अवधारणा जैन धर्म से सम्बन्धित है।

• “शलाका पुरुष” अवधारणा का संबंध जैन धर्म से है।

• जैन धर्म में ज्ञान प्राप्ति के तीन स्रोत माने गए हैं :-प्रत्यक्ष, अनुमान तथा तीर्थंकरों के वचन 

• जैन धर्म में विद्रोह जमालि व तीसगुप्त ने किया था।

• जमालि महावीर के प्रथम शिष्य तथा उनकी पुत्री प्रियदर्शना के पति थे।

• महावीर ने अपना प्रथम उपदेश राजगृह की विपुलाचल की पहाड़ी पर दिया।

                                                        FLASH CARD                                                        SCIENCE CHAPTER 1 ...