लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई
◆ गोपीनाथ बोरदोलोई का जन्म 6 जून, 1890 को राहा (असम) में हुआ था।
◆ उनके माता प्राणेश्वरी देवी व पिता बुधेश्वर बोरदोलोई थे।
◆ गोपीनाथ बोरदोलोई ने वर्ष 1907 में मैट्रिक पास किया और कॉटन कॉलेज में दाखिला लिया। वर्ष 1909 में प्रसिद्ध स्कॉटिश चर्च कॉलेज, कलकत्ता में प्रवेश लिया और वर्ष 1911 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1914 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए. पास किया। उसके बाद 3 साल तक कानून की पढ़ाई की।
◆ वर्ष 1917 में गुवाहाटी में वकालत शुरू कर दी।
◆ गोपीनाथ बोरदोलोई का राजनीतिक जीवन तब शुरू हुआ जब वह उस वर्ष एक स्वयंसेवक के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। असहयोग आंदोलन में सक्रिय भागीदारी के कारण वर्ष 1922 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 1 वर्ष के लिए जेल में भेज दिया गया।
◆ गोपीनाथ बोरदोलोई एक राजनीतिक उपकरण के रूप में अहिंसा के गाँधीवादी सिद्धांत के अनुयायी थे। असम और उसके लोगों के प्रति उनके निःस्वार्थ समर्पण के कारण, असम के तत्कालीन राज्यपाल जयराम दास दौलतराम ने उन्हें ‘लोकप्रिय’ की उपाधि से सम्मानित किया।
◆ वर्ष 1930 से 1933 तक उन्होंने खुद को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रखा और गुवाहाटी नगर बोर्ड और स्थानीय बोर्ड के सदस्य बनने के बाद विभिन्न सामाजिक कार्यों में शामिल हो गए। इसके अलावा वह लगातार असम के लिए एक अलग यूनिवर्सिटी और हाईकोर्ट की माँग कर रहे थे।
◆ भारत की आजादी के बाद, उन्होंने कम्युनिस्ट चीन और पूर्वी पाकिस्तान के खिलाफ असम को सुरक्षित करने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ मिलकर काम किया और विभाजन के दौरान व्यापक हिंसा और धमकी के कारण पूर्वी पाकिस्तान से भाग गए, लाखों शरणार्थियों की वापसी का आयोजन भी किया।
◆ उनके काम ने सांप्रदायिक सद्भाव, लोकतंत्र और स्थिरता का आधार दिया जिसने पूर्वी पाकिस्तान की आजादी पर वर्ष 1971 के युद्ध तक असम को सुरक्षित और प्रगतिशील बनाए रखा।
◆ वह एक गहरे धार्मिक व्यक्ति थे और विशेष रूप से गीता से प्रभावित थे। वह एक अच्छे गायक भी थे और वैष्णव भक्ति गीत गाते थे।
◆ गोपीनाथ बोरदोलोई की मृत्यु 5 अगस्त, 1950 को हुई थी।
◆ गोपीनाथ बोरदोलोई को दिए गए पुरस्कार-
(1) वर्ष 1999 में मरणोपरांत भारत रत्न
(2) गुवाहाटी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम लोकप्रिय "गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा " रखा गया।
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