Tuesday, March 28, 2023

 हरिदेव जोशी

▪️ भारतीय राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी हरिदेव जोशी का जन्म 17 दिसम्बर, 1921 को बाँसवाड़ा के एक विद्वान ब्राह्मण परिवार में हुआ।
▪️ उनका प्रारम्भिक जीवन डूँगरपुर में भोगीलाल पांड्या के सान्निध्य में सेवा संघ में बीता।
▪️ तत्कालीन डूँगरपुर में राजनीति का उदय सेवा संघ द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से हुआ।
▪️ गौरी शंकर उपाध्याय की प्रेरणा से ब्राह्मण परिवार के हरिदेव जोशी आदिवासी, हरिजन और पिछड़ी जातियों में शिक्षा का प्रचार करने को निकल पड़े।
▪️ अधनंगे आदिवासियों को उनकी दशा का भान कराने के लिए पहाड़ियों की टेकरियों पर इन्होंने पाठशालाएँ स्थापित की और शोषित आदिवासियों को शोषणमुक्त समाज की नव रचना का पाठ पढ़ाने लगे।
▪️ हरिदेव जोशी बाँसवाड़ा और डूँगरपुर से ‘अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद्’ में वर्षों तक प्रतिनिधि रहे।
▪️ ये ‘देशी राज्य प्रजा परिषद्’ की रीजनल कौंसिल के भी सदस्य रहे।
▪️ डूँगरपुर में वर्ष 1942 से 1947 तक के लगभग सभी राजनैतिक आन्दोलनों में जोशी की अग्रणी भूमिका रही।
▪️ भोगीलाल पंड्या और श्री गौरी शंकर उपाध्याय का सदा यही प्रयत्न रहता कि हरिदेव जोशी आन्दोलनों को गतिशील रखने के लिए जेल से बाहर ही रहें।
▪️ कालांतर में हरिदेव जोशी को डूँगरपुर से देश निकाला दे दिया गया था और उनकी धर्मपत्नी सुभद्रा देवी जोशी को अन्य महिलाओं के साथ जेल जाना पड़ा था।
▪️ स्वतंत्रता के बाद 1952 में उनका प्रवेश राजनीति में हुआ।
▪️ वे 10 बार राज्य विधानसभा का चुनाव लड़े और हर बार विजयी रहे।
▪️ हरि देव जोशी तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री तथा असम एवं मेघालय के राज्यपाल भी रहे।
▪️ जनसेवा का आदर्श स्थापित करने वाले जोशी का निधन 28 मार्च, 1995 को हुआ।

No comments:

Post a Comment

                                                        FLASH CARD                                                        SCIENCE CHAPTER 1 ...