फोटोक्रोमिक कांच अथवा स्वतः रंग बदलने वाला कांच
Photochromic Glass
यदि साधारण कांच बनाते समय उसमे सिल्वर क्लोराइड डाल दिया जाए, तो वह कांच फोटोक्रोमिक हो जाता है। इस कांच पर जब सूर्य का प्रकाश पड़ता है, तो इसमें उपस्थित चांदी और क्लोराइड के अणु अलग-अलग हो जाते हैं। इस कारण से कांच गहरे रंग का हो जाता है। पर जब इस पर सूर्य के प्रकाश की पराबैंगनी किरणें गिरना बंद हो जाती हैं, तो ये दोनों अणु पुनः मिल जाते हैं, जिसमे कांच फिर से हलके रंग का या पारदर्शी हो जाता है\ इस फोटोक्रोमिक कांच के कई उपयोग हैं। इसे चश्मे विमान की खिडकियों व घरों में लगाते हैं।
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