Wednesday, February 22, 2023

 मौलाना अबुल कलाम

● मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 को मक्का, सऊदी अरब में हुआ था।
● इनका मूल नाम मुहियुद्दीन अहमद था। 
● इनका आरंभिक जीवन कोलकाता में गुजरा एवं पढ़ाई में काफी मेधावी होने के कारण इन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के साथ-साथ तर्कशास्त्र, अंग्रेजी, इतिहास समेत उर्दू में विशेषज्ञता हासिल कर ली।
● मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एक उत्कृष्ट पत्रकार के साथ-साथ उर्दू भाषा के एक अग्रणी विद्वान थे। उन्होंने महज 12 वर्ष की उम्र से ही उर्दू में कविताएँ लिखना शुरू कर दिया।
● उन्होंने‘अलहिलाल’ एवं ‘अलबलाग’ जैसे अखबारों का संचालन किया तथा ‘इंडिया विन्स फ्रीडम’ के अलावा गुबारे-ए-खातिर, हिज्र-ओ-वसल, खतबात-ल-आज़ाद, हमारी आज़ादी और तजकरा जैसी पुस्तकों का संकलन किया।
● उन्होंने कुरान का अरबी से उर्दू में अनुवाद किया जिसे बाद में साहित्य अकादमी द्वारा छ: संस्करणों में प्रकाशित किया गया।
● लार्ड कर्जन के बंगाल के विभाजन के निर्णय को बखूबी समझते हुए वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सन्दर्भ में जन जागरण में लग गए।
● ये विभाजन के कट्टर विरोधी थे तथा हिंदू-मुस्लिम एकता के समर्थक थे।
● आज़ाद ने गाँधीजी द्वारा शुरू किए गए असहयोग आंदोलन (1920-22) का समर्थन किया और 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए।
● वे जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्यों में से एक थे जिसे मूल रूप से वर्ष 1920 में संयुक्त प्रांत के अलीगढ़ में स्थापित किया गया था।
● वर्ष 1940 के रामगढ़ अधिवेशन में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद में पुनः कांग्रेस के अध्यक्ष पद का निर्वहन किया एवं इसी अधिवेशन में ‘रामगढ़ रिजोल्यूशन’ पारित किया गया।
● भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान कांग्रेस के शीर्ष नेताओं समेत मौलाना अबुल कलाम को गिरफ्तार कर ‘अहमदनगर फोर्ट जेल’ में भेज दिया गया जहाँ उन्हें 3 साल तक कैद रखा गया।
● भारत की आजादी के उपरांत मौलाना अबुल कलाम आज़ाद देश के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में शामिल हुए एवं उन्होंने भारतीय शिक्षा पद्धति में व्यापक काफी आमूलचूल परिवर्तन किया।
● मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा, 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा समेत लड़कियों की शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा जैसे सुधारों की लगातार पैरवी की थी।
● मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के द्वारा औपनिवेशिक शिक्षण व्यवस्था में सांस्कृतिक तत्त्वों की कमी को देखते हुए भारतीय कला और संस्कृति की धरोहर को संरक्षित एवं विकसित करने हेतु भारतीय कला को समर्पित संगीत नाटक अकादमी (1953), साहित्य अकादमी (1954) और ललित कला अकादमी (1954) जैसे उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
● मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के प्रयासों से ही ‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग’ समेत दिल्ली में वास्तुकला विद्यालय ‘स्कूल ऑफ प्लानिंग’ की स्थापना हुई।
● 22 फरवरी, 1958 को इनका देहांत हो गया। 
● वर्ष 2008 से प्रतिवर्ष 11 नवंबर को मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।
● मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को मरणोपरांत वर्ष 1992 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था।

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