धुंडीराज गोविंद ‘दादासाहेब' फाल्के
⬧ दादा साहब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल, 1870 को नासिक के निकट 'त्र्यंबकेश्वर' में हुआ था।⬧ इनकी शिक्षा मुम्बई में हुई तथा वहाँ उन्होंने 'हाई स्कूल' के बाद 'जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट' में कला की शिक्षा ग्रहण की।
⬧ उन्होंने इंजीनियरिंग और मूर्तिकला का अध्ययन किया तथा वर्ष 1906 में आई मूक फिल्म ‘द लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ देखने के बाद मोशन पिक्चर्स/चलचित्र में उनकी रुचि बढ़ी।
⬧ फिल्मों में आने से पहले फाल्के ने एक फोटोग्राफर के रूप में काम किया, एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक बने और यहाँ तक कि प्रसिद्ध चित्रकार राजा रवि वर्मा के साथ भी काम किया।
⬧ वर्ष 1913 में,फाल्के ने भारत की पहली फीचर फिल्म (मूक) राजा हरिश्चंद्र की पटकथा लिखी, उसे निर्मित और निर्देशित किया। अपनी व्यावसायिक सफलता के परिणामस्वरूप फाल्के ने अगले 19 वर्षों में 95 अन्य फीचर फिल्मों के निर्माण के साथ ही 26 लघु फिल्में बनाईं।
⬧ उन्हें ‘भारतीय सिनेमा के जनक’ (Father of Indian Cinema) के रूप में जाना जाता है।
⬧ 16 फ़रवरी, 1944 को नासिक में 'दादा साहब फाल्के' का निधन हो गया।
⬧ भारत सरकार द्वारा भारतीय सिनेमा में दादा साहब फाल्के के योगदान को याद करने के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार वर्ष 1969 में प्रारंभ किया गया तथा अभिनेत्री देविका रानी को पहले फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
⬧ दादा साहब फाल्के ने वर्ष 1913 में भारत की पहली पूर्ण लंबाई वाली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र का निर्देशन किया था।
⬧ सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित, प्राप्तकर्ताओं को उनके 'भारतीय सिनेमा के विकास और विकास में उत्कृष्ट योगदान' के लिए पहचाना जाता है।
⬧ इस पुरस्कार में एक स्वर्ण कमल (गोल्डन लोटस) पदक, एक शॉल और ₹10 लाख का नकद पुरस्कार शामिल है।
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